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झारखंड बिजली निगम में लेखा-परीक्षा ने खोले बड़े राज.

संपत्ति सत्यापन, जमा राशि और राजस्व में मिली खामियां.

रांची : झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम की वित्तीय प्रणाली पर बड़ा सवाल उठा है। ऑडिट में बताया गया कि निगम की अचल संपत्तियों का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। साथ ही कंपनी ने संपत्ति रजिस्टर भी नहीं बनाया है। रिपोर्ट में यह गंभीर लापरवाही बताई गई है।

ऑडिट के अनुसार निगम में सुरक्षित ऋणों की जानकारी और विभिन्न संपत्तियों के रिकॉर्ड सही तरीके से दर्ज नहीं किए गए। वहीं 7.40 करोड़ रुपये की योजनावार जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। उपभोक्ताओं की जमा राशि पर ब्याज की गलत गणना से भी कई वित्तीय गड़बड़ियां सामने आईं।

रिपोर्ट बताती है कि कंपनी ने बिना बिल के 46.67 करोड़ रुपये राजस्व दिखाया। वहीं 194.3 करोड़ रुपये को संदिग्ध बताया गया। कर्मचारियों को दिए गए अग्रिमों का भी कोई स्पष्ट विवरण उपलब्ध नहीं है। नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अव्यवस्था से यह मामला अब गंभीर होता जा रहा है।

 

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