
रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए का और एनडीए का प्रतिष्ठा दांव पर लगा हुआ है. आने वाला साल 2024 में यहां का फैसला होने वाले लोकसभा विधानसभा चुनाव का दिशा और दशा भी तय करेगा. इसलिए रामगढ़ विधानसभा सीट को कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस सीट को हासिल करने के लिए एनडीए और यूपीए के कद्दावर नेताओं ने जमकर पसीना बहाए हैं. इस चुनाव में 27 फरवरी को हुए कुल 18 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. आने वाला 2 मार्च 2023 को काउंसलिंग में मामला साफ होगा.
जानकारी के मुताबिक यूपीए और एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मुख्यमंत्री समय राज्य के कई मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद विधायक सहित कई दिग्गज नेताओं ने काफी मेहनत किए. सभी दिग्गज अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी यूपीए प्रत्याशी बजरंग महत्त्व के पक्ष में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोला जुल्मी चितरपुर रकबा एवं रामगढ़ में 5 चुनावी सभा को संबोधित किया.



