पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के 41 दिन में ही शाहबाज शरीफ एक विशेष अदालत में पेश हुए। लगभग 16 अरब रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में शाहबाज और उनके पुत्र और पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शरीफ आरोपी हैं। कोर्ट ने दोनों की जमानत स्वीकार कर मामले की सुनवाई 28 मई तक स्थगित कर दी।
शाहबाज ने खुद पर लगे सभी आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया। जबकि, जांच एजेंसी FIA (फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने कहा कि दोनों पिता-पुत्र भगोड़े रहे हैं। इन्हें जमानत नहीं दी जाए। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शाहबाज शरीफ और हमजा पर चल रहे मामलों में किसी भी जांचकर्ता के ट्रांसफर और नई पोस्टिंग पर रोक लगाई हुई है।
इमरान खान की पार्टी ने भी लगाए आरोप
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदीयाल ने इन हाई प्रोफाइल की पहल पर ये रोक लगाई गई है। इमरान की पार्टी का आरोप है कि शरीफ कुनबे की ये पुरानी चाल है कि उनके खिलाफ चल रहे मामलों को कमजोर करने के लिए अपनी पसंद के लोगों की नियुक्ति करते हैं।
कोर्ट में सुरक्षा के तामझाम देख जज बोले- ये गलत है
शाहबाज शरीफ और उनके पुत्र हमजा की लाहौर की विशेष कोर्ट में पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इसके देखकर जज एजाज हसन ने कहा कि पीएम साहब ये कैसी सुरक्षा है, वकीलों और यहां तक कि जजों को भी कोर्ट में आने नहीं दिया जा रहा है। जज हसन ने कहा कि ये गलत है। इस पर प्रधानमंत्री शाहबाज ने कहा कि मुझे भी कोर्ट में आने से रोका गया। जज ने कहा कि आप देश की सरकार के मुखिया हो। आप इसकी जांच के आदेश दें। केवल हां में हां मिलाने से कुछ नहीं होगा। जिस पर शाहबाज ने कहा कि मैं पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शरीफ को इसकी जांच के आदेश दे रहा हूं।
Source : Dainik Bhaskar