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राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद, विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ने अपनी रणनीतियाँ तैयार करनी शुरू कर दी हैं।

 वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी। नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 29 जून है, और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

भाजपा की स्थिति को देखते हुए, उनकी संख्या लोकसभा, राज्यसभा और विभिन्न विधानसभाओं में मजबूत है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के कुल 392 सांसद हैं, जिसमें राज्यसभा के 4 मनोनीत सदस्य शामिल नहीं हैं। कुल मिलाकर दोनों सदनों में 772 सदस्य हैं, जिससे भाजपा को सीधे तौर पर बहुमत मिल रहा है।

सबकी नजरें इस बात पर हैं कि भाजपा राष्ट्रपति पद के लिए किसे उम्मीदवार बनाएगी। पिछले चुनाव में, कोविंद की उम्मीदवारी की घोषणा से पहले कई नाम चर्चा में थे, लेकिन अंतिम घोषणा ने सभी को चौंका दिया था। यदि विपक्ष भी उम्मीदवार उतारता है, तो भाजपा अपने सहयोगियों के समर्थन से बेहतर स्थिति में नजर आ रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राजग के पास निर्वाचक मंडल के लगभग 50 प्रतिशत मत हैं, और उन्हें वाईएसआर कांग्रेस और बीजद जैसे क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।

विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है और इस संदर्भ में बातचीत भी शुरू हो चुकी है। हालांकि, विपक्ष के पास आवश्यक आंकड़े नहीं हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क किया है और साझा उम्मीदवार के संदर्भ में उनकी राय जानी है। कुछ विपक्षी दलों का मानना है कि उन्हें सत्तापक्ष को चुनौती देनी चाहिए।

 

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