Jharkhand

अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड के विधायक नहीं कर पाएंगे सीधे सवाल, जानें क्या है इसकी बड़ी वजह

रांची : झारखंड विधानसभा की कार्यवाही से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की परंपरा हटायी जा सकती है. विधानसभा की नियम समिति ने इससे संबंधित अनुशंसा की है. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो इस कमेटी के सभापति हैं. कमेटी ने कहा है कि विधानसभा की प्रक्रिया-कार्य संचालन नियमावली के नियम -52 को विलोपित किया जाये.विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली की इस धारा में प्रावधान है कि सत्र के दौरान हर सोमवार आधे घंटे के लिए मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होगा. इसके तहत विधायक मुख्यमंत्री से राज्य के नीतिगत मामलों से जुड़े सवाल पूछते हैं. विधानसभा कमेटी की अनुशंसा मान ली गयी, तो पिछले 21 वर्षों से चली आ रही परंपरा बंद होगी़ मुख्यमंत्री से विधायक सीधे सवाल नहीं पूछ पायेंगे़

विधानसभा की नियम समिति ने इस मामले में कई राज्यों के विधानसभा कार्यवाही का अध्ययन किया. कई राज्यों में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल नहीं चलता है. इसके साथ ही कमेटी ने शून्य काल के लिए 15 सूचनाओं की जगह 25 सूचना ग्रहण करने की अनुशंसा की है.अब राज्य के 25 विधायक हर दिन शून्य काल के तहत ज्वलंत समस्याओं पर सदन में अपनी बात रख सकेंगे. शून्य काल के तहत 50 शब्दों में विधायकों को अपने क्षेत्र या राज्य की समस्या पर सूचना देने का अधिकार है.

स्पीकर सहित नियम समिति में विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, दीपक बिरुआ, भूषण तिर्की और केदार हाजरा सदस्य है़ं कमेटी की अनुशंसा पर स्पीकर श्री महतो ने विधायकों से संशोधन मांगा है. एक अन्य बदलाव की भी अनुशंसा हुई है. पहले प्रश्न के लिए कम-से कम सात और अधिक से अधिक 14 दिनों पूर्व सूचना देना आवश्यक था. अब विधायक 14 दिनों से पहले भी सवाल की सूचना विस सचिवालय को दे सकते हैं.

Source : Prabhat Khabar

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