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देश से भागने की फिराक में थे राष्ट्रपति राजपक्षे के भाई, एयरपोर्ट स्टॉफ का गुस्सा देख वापस लौटे

श्रीलंका में जारी उठापटक के बीच गोटबाया राजपक्षे के भाई बासिल राजपक्षे सोमवार को देश छोड़ कर भागने की फिराक में थे, लेकिन एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टाफ के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। एक तरफ जहां आम लोग दाने दाने मोहताज हैं, वहीं बासिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे।

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर पर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया है। यह लेटर बुधवार को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाएगा, जिसके बाद वो इसकी सार्वजनिक घोषणा करेंगे।

वहीं, दूसरी तरफ श्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) के प्रमुख सजित प्रेमदासा श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं। SJB ने सोमवार को निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 20 जुलाई को होना है। इससे पहले गोटबाया 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे और 15 जुलाई को संसद का सत्र बुलाया जाएगा।

देश में ही हैं गोटबाया राजपक्षे
दूसरी तरफ, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। स्पीकर महिंदा यापा ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि गोटबाया देश में ही हैं। महिंदा यापा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया देश छोड़कर भाग गए हैं। हालांकि जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश में ही हैं, मैंने पहला बयान गलती से दे दिया था।

श्रीलंका की राजनीति से जुड़े बड़े अपडेट्स…

  • केंद्रीय बैंक गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे ने चेतावनी दी है कि अगर देश में राजनीतिक स्थिरता नहीं आई तो IMF से बेलआउट पैकेज मिलने में देरी हो सकती है।
  • श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार बनने के बाद विक्रमसिंघे सरकार के मंत्री भी इस्तीफा देंगे।
  • राष्ट्रपति गोटबाया के इस्तीफा नहीं देने तक प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन खाली नहीं करेंगे।
  • श्रीलंका के केंद्रीय बैंक गवर्नर ने पद छोड़ने की अटकलों को खारिज किया।

एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं
श्रीलंका में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सर्विस ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं। लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले प्रोडेक्ट के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।

Source : Dainik Bhaskar

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