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Firecrackers: दिवाली की रात पंजाब में 2 घंटे, तो दिल्ली में आतिशबाजी पर लगी है रोक, जानें वजह

पंजाब में दिवाली पर राज्य में रात 8 से 10 तक पटाखे छोड़ने की अनुमति मिली है. वहीं, दिवाली के अलावा गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर सुबह 4 से 5 बजे तक और रात के 9 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने की अनुमित दी गई है.

पंजाब सरकार ने दिवाली के मौके पर होने वाली आतिशबाजी को लेकर समय निर्धारित करने का फैसला किया है. पंजाब सरकार के मंत्री गुरमीत सिंह मीत हायेर ने एक बयान में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में राज्य में लोगों को दो घंटे का समय देने का फैसला किया गया है. वहीं, देश के अन्य राज्यों में भी आतिशबाजी को लेकर सख्ती बरती गई है. तो चलिए जानते हैं, अन्य राज्यों में इस साल कैसी मनेगी दिवाली.

पंजाब में रात 8 से 10 छोड़े जाएंगे पटाखे

पंजाब सरकार ने 24 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर लोगों को केवल 2 घंटे पटाखे छोड़ने का समय निर्धारित किया है. इसे लेकर पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जिला प्रशासनों को आतिशबाजी के लिए सख्ती से समयसीमा लागू करने के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये हैं. जारी बयान के अनुसार, दिवाली पर राज्य में रात 8 से 10 तक पटाखे छोड़ने की अनुमति मिली है. वहीं, दिवाली के अलावा गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर सुबह 4 से 5 बजे तक और रात के 9 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने की अनुमित दी गई है.

दिल्ली में नहीं होगी आतिशबाजी

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों दिल्ली सरकार के आतिशबाजी को लेकर जारी किए आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने एक जनवरी 2023 तक राजधानी में आतिशबाजी पर रोक लगाया है. इस आदेश को लेकर भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज न करते हुए सुनवाई को जारी रखा है. कोर्ट ने इस संबंध में विचार करने की भी बात कही है.

बिहार के कुछ जिलों में पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध

बिहार प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने बीते दिन एक आदेश जारी करते हुए राज्य के कुछ जिलों में पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें राजधानी पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर का नाम शामिल है. जारी आदेश के अनुसार, अन्य जिलों में पटाखे छोड़े जा सकते हैं. प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि प्रतिबंध लगाए गए चार जिलों में प्रदुषण की मात्रा काफी खतरनाक स्तर तक देखा जा रहा है. वहीं, पटाखों से ध्वनि प्रदुषण के साथ साथ वायु प्रदुषण भी होता है. इसलिए ऐसे फैसले लिए गए हैं.from,

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