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बीजेपी का एक और चुनावी वादा पूरा होने की तरफ बढ़ा, लोकसभा से पास हुआ महिला आरक्षण बिल

महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33 पर्सेंट आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पास होने के साथ ही बीजेपी का एक और चुनावी वादा पूरा होने की तरफ बढ़ा है। बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में यह वादा किया था। लोकसभा में बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान बीजेपी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि मान्यता का सवाल है। बिल पर हुई चर्चा में आखिरी वक्ता बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह थे। जिसके बाद कानून मंत्री ने चर्चा का जवाब दिया। शाह ने अपने संबोधन के जरिए ये 5 संदेश दिए-

1) राजनीति नहीं मान्यता
विपक्ष ने बिल को तो सपोर्ट किया लेकिन बीजेपी पर बिल के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। शाह की तरफ से इस आरोप का सीधे जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने बहुत अग्रेसिव तरीके से इसे दो बार दोहराया। फिर कहा कि यह हमारे लिए मान्यता का सवाल है।

2) बीजेपी महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध
शाह ने अपने संबोधन के जरिए बताया कि बीजेपी अकेली ऐसी पार्टी है जिसने सांगठनिक पदों पर महिलाओं को 33 पर्सेंट का आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात प्रांत में बीजेपी के संगठन महासचिव थे तब वडोदरा में हुई पार्टी कार्यकारिणी में मोदी जी के रोल के कारण ही बीजेपी के सांगठनिक पदों में एक तिहाई रिजर्वेशन महिलाओं के लिए किया गया था। ऐसा करने वाली मेरी पार्टी पहली और अंतिम पार्टी है।

3) मोदी के सीएम से लेकर पीएम तक के काम
शाह ने कई उन कामों का जिक्र किया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए महिला सशक्तीकरण के लिए किए। उन्होंने कहा कि मई महीने की धूप में पटवारी से लेकर सीएम तक पूरी की पूरी सरकार पांच दिनों तक स्कूलों में गर्ल चाइल्ड इनरोलमेंट के गांव गांव जाती थी। शाह ने केंद्र सरकार की जनधन अकाउंट, हर घर शौचालय, नल से जल, उज्जवला योजना सहित कई योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता मोदी सरकार के लिए श्वास और प्राण बने हुए हैं।

4) देरी क्यों का जवाब
विपक्ष की तरफ से जो दो बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं वह यह कि इसमें ओबीसी महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं है साथ ही डीलिमिटेशन की शर्त क्यों रखी है और इसे इसी बार के चुनाव से लागू क्यों नहीं किया जाता। शाह ने कहा कि अभी तीन कटैगरी के सांसद चुनकर आते हैं- सामान्य जिसमें ओबीसी भी हैं, एससी और एसटी। इन सभी कटैगरी में 33 पर्सेंट आरक्षण महिलाओं को होगा। डीलिमिटेशन पर जवाब देते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तंज भी किया। उन्होंने कहा कि कौन तय करेगा कि कौन सी एक तिहाई सीटें रिजर्व होंगी। अगर वायनाड़ (राहुल गांधी की सीट) को रिजर्व कर दिया तो कहेंगे राजनीति कर दी। इसलिए डीलिमिटेशन कमिशन हर जगह जाकर ओपन हेयरिंग करके पारदर्शी तरीके से निर्धारित करेगा कि कौन सी सीटें रिजर्व होंगी। शाह ने कहा कि चुनाव के बाद जल्दी ही जनगणना और डीलिमिटेशन दोनों होंगे।

5) ओबीसी पर विपक्ष को जवाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओबीसी मसले पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार के 90 सेक्रेटरी में सिर्फ 3 सेक्रेटरी ओबीसी समुदाय से हैं। शाह ने इसके काउंटर मे अपने डेटा सामने रखे। शाह ने तंज भी किया और कहा कि इनकी समझ है कि देश सेक्रेटरी चलाते हैं, मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है। नीतियां सरकार और संसद बनाती है। उन्होंने कहा कि हमारे 29 पर्सेट सांसद ओबीसी कटैगरी के हैं। 29 मंत्री ओबीसी कटैगरी के हैं। बीजेपी के 1358 विधायकों में से 365 यानी 27 पर्सेंट ओबीसी से हैं। 163 एमएलसी में से 65 पर्सेंट यानी 40 पर्सेंट ओबीसी हैं। शाह ने कहा कि आपकी पार्टियों ने कभी ओबसी पीएम नहीं बनाया बीजेपी ने ओबीसी पीएम बनाया।

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