विपक्षी शिव सेना (UBT) के कई हार चुके उम्मीदवारों ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातचीत में EVMs के कामकाज पर सवाल उठाए।
ठाकरे ने मुंबई में अपने आवास पर एक बैठक में पार्टी की हार पर चर्चा की। पिछले सप्ताह हुए चुनाव परिणामों में महायुति गठबंधन, जिसमें शिव सेना, बीजेपी और एनसीपी शामिल हैं, ने भारी बहुमत से सत्ता बरकरार रखी, जबकि महा विकास आघाडी (MVA) को केवल 46 सीटें मिलीं। महायुति ने 230 सीटें जीतीं।
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (UBT) विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, उसने 20 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को केवल 10 सीटें मिलीं। मंगलवार को पीटीआई से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता आरिफ नसीम खान ने कहा कि उन्होंने ठाकरे से इस मामले पर चर्चा की, जिन्होंने यह भी बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं से EVMs में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं।
खान ने कहा कि “हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परिणामों पर संदेह जताने वाली शिकायतें मिल रही हैं। लोकतंत्र में शिकायतों की जांच होनी चाहिए और हम में से कई लोग, जिनकी हार हुई है, अब इनकी जांच के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं।”
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 26 अप्रैल के फैसले के अनुसार, हर विधानसभा क्षेत्र में EVMs के 5 प्रतिशत यूनिट्स की जांच की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों को 7 दिनों के भीतर आवेदन करना होता है और उन्हें इसके लिए 41,000 रुपये का खर्च वहन करना होता है, जो यदि EVM में गड़बड़ी पाई जाती है, तो वापस कर दिया जाएगा।


