रांची में शीतकालीन सत्र की तैयारियाँ एक बार फिर तेज हो गई हैं। इस बार सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट एक प्रमुख दस्तावेज के रूप में पेश होना है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को समयसीमा के भीतर प्रस्ताव पूरी तरह तैयार करने को कहा है। यह भी बताया गया है कि प्रस्ताव की मंजूरी विभागीय मंत्री से लेना अनिवार्य है। विभागों से कहा गया है कि देरी किसी भी तरह की वित्तीय बाधा पैदा कर सकती है।
केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में राज्य और केंद्र का हिस्सा निश्चित नियमों के अनुसार रहेगा। वित्त विभाग ने कहा है कि यदि राज्य को किसी योजना में अतिरिक्त राशि जोड़नी हो तो उसे “टॉप-अप” प्रावधान के तहत शामिल किया जाएगा। यदि पिछले वर्ष की कोई राशि खर्च नहीं हुई है तो उसके लिए भी प्रस्ताव भेजना अनिवार्य रहेगा। साथ ही बजटीय उपबंध में त्रुटियों के सुधार हेतु भी विभागों को आवश्यक दस्तावेज भेजने का सुझाव दिया गया है।
सभी विभागों को स्थापना व्यय और राज्य योजनाओं के प्रस्ताव के साथ आवश्यक विवरण संलग्न करने होंगे। यदि किसी इकाई में पहले से राशि का बजट नहीं है, तो टोकन राशि से शुरुआत करनी होगी। केंद्र प्रायोजित और केंद्रीय सेक्टर स्कीम के शेयरिंग पैटर्न में किसी भी बदलाव पर संशोधन प्रस्ताव देना होगा। आकस्मिक स्थिति में ही विशेष प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे। सत्र को सफल बनाने के लिए सभी विभागों से सहयोग की अपेक्षा है।


