15 साल की उम्र में बॉयफ्रेंड संग भागी, घरवालों ने ठुकराया… 2 साल बाद शेल्टर होम से परीक्षा देकर किया टॉप
17 साल की श्वेता (बदला हुआ नाम) को एक युवक से प्यार था। श्वेता पढ़ाई कर रही थी और तब महज 15 साल की थी। वह स्कूल जाने-आने के दौरान अपने बॉयफ्रेंड से मिल लेती थी। यह बात उसके माता-पिता को पता चली। युवक नीची जाति का था। परिवार ने छात्रा को डांट लगाई। उसके घर से निकलने पर पाबंदी लगाई गई। घरवालों ने कहा कि उन्हें उसका रिश्ता मंजूर नहीं है। आखिर लड़की ने घर से भागने का फैसला लिया। उसने पढ़ाई छोड़ दी और अपने प्रेमी के साथ भाग गई। हालांकि पुलिस ने कुछ दिनों बाद उसे ढूंढ निकाला। लड़की के घरवालों ने उसे घर के अंदर आने से मना कर दिया। अधिकारिोयं के समझाने के बाद भी वह नहीं माने तो नाबालिग को हैदराबाद के शेल्टर होम (Hyderabad News) में रखा गया। दो साल से वह शेल्टर होम में ही कैद है। छात्रा ने अपनी पढ़ाई फिर शुरू की और अब स्कूल टॉपर बन गई है।तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन ने पिछले हफ्ते 12वीं कक्षा के फाइनल के नतीजे घोषित किए। युवा लड़की ने परीक्षा में 945 अंक हासिल किए हैं। वह गणित की प्रफेसर बनना चाहती है। छात्रा कल्लम अंजी रेड्डी वोकेशनल जूनियर कॉलेज में पढ़ रही थी। उसने कॉलेज में टॉप किया है।
‘अभी घर नहीं जाना चाहती है छात्रा’
श्वेता ने बताया, ‘अभी एक या दो महीने पहले, मैंने अपने माता-पिता से बात करना शुरू किया। जब उन्हें मेरे अंकों के बारे में पता चला, तो वे वास्तव में खुश हुए। मेरे माता-पिता चाहते हैं कि मैं उनके पास घर वापस चली जाऊं लेकिन मैं इस पर फैसला नहीं ले पा रही हूं। अभी नहीं सोचा है कि मैं उनके पास वापस जाऊंगी या नहीं।’
बनना चाहती है गणित की प्रफेसर
नाबालिग छात्रा ने कहा कि वह गणित में प्रोफेसर बनने की ख्वाहिश रखती है। उसने कहा, ‘मैं पहले बीकॉम करना चाहता हूं क्योंकि इससे मुझे पढ़ाई करने और अकाउंटेंसी की साइड जॉब करने का मौका मिलेगा। मैं अब घर तभी वापस जाना चाहती हूं जब अपने पैरों पर खड़ी हो जाऊंगी।
परिवार के ठुकराने के बाद भी नहीं टूटा हौसला
शेल्टर होम के अधिकारियों ने कहा कि श्वेता हमेशा स्मार्ट थी, और परिवार की अस्वीकृति के आघात को कभी बाधा नहीं बनने दिया। उसने अपनी कक्षा 10 के फाइनल में पूरे अंक हासिल किए थे, लेकिन स्कूल से बाहर हो गई। वह जिससे प्यार करती थी उससे अलग होने के डर से उसने भागने का गलत फैसला लिया और अपनी पढ़ाई छोड़ दी।
JEE और NEET की तैयारी करवाएगी सरकार
ॉइस वर्ष लड़कियों के लिए सरकारी बाल गृह में एसएससी और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले 25 से अधिक अनाथ बच्चों और बच्चों के पास प्रतिशत और अंक अधिक देखे गए हैं। उनके अच्छे प्रदर्शन और अधिक पढ़ने की इच्छा को देखते हुए महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग उन्हें जेईई और एनईईटी में दाखिला दिलाने और ट्यूशन देने की योजना बना रहा है।




