यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, जल्द उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। दिल्ली में ड्राफ्ट कमेटी ने बताया है कि जल्द ही उत्तराखंड सरकार को रिपोर्ट फाइल कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते में सरकार को ड्राफ्ट सौंपा जा सकता है। इससे पहले इस 30 जून तक उत्तराखंड सरकार को सौंपने का कार्यक्रम था। यूसीसी के ड्राप्ट पर देशभर की नजरें टिकी हैं।यूसीसी में उत्तराखंड के लिए खास बात यह है कि प्रस्तावित यूसीसी के तहत किसी भी पुरुष और महिलाओं को बहुविवाह करने की अनुमति नहीं होगी। उत्तराखंड में यूसीसी के तहत लिव इन रिलेशन की पंजीकरण के प्रावधान पर भी विचार किया गया है। समान नागरिक संहिता लागू करने के उद्देश्य से ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने आज अपना काम पूरा कर लिया है। उत्तराखंड में यूसीसी का प्रारूप तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्य समिति ने आज इसका ऐलान किया है।
समिति के अनुसार, यह ड्राफ्ट जल्दी प्रदेश सरकार को सौंप दिया जाएगा। जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि उत्तराखंड का प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा पूरा हो गया है। प्राप्त के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जल्द ही मुद्रित कर उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाएगी। संभवतः एक पखवाड़े के भीतर समिति सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी।
उत्तराखंड के लिहाज से यूनिफॉर्म सिविल कोड को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महिलाओं को समान अधिकार देने देने पर इस पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है इसके तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित किसी भी धर्म से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं को परिवार और माता पिता की संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। उत्तराखंड में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता के तहत किसी भी पुरुष और महिला को बहुविवाह करने की अनुमति नहीं होगी।
यूजीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के प्रावधान पर भी इसमें विचार किया गया है। उत्तराखंड में लिव-इन रिश्तों में आए विवादों के बाद इसके रजिस्ट्रेशन पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही एक अहम प्रस्ताव रखा गया है कि परिवार की बहू और दामाद को भी अपने ऊपर निर्भर बुजुर्गों की देखभाल का जिम्मेदार माना जाएगा।




