अंग्रेजों को टक्कर देने वाली ‘गरीबों की दवा कंपनी’ बिक रही, परिवार में नहीं कोई संभालने वाला
देश की तीसरी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी सिप्ला (Cipla) यानी (The Chemical Industrial And Pharmaceutical Laboratories) बिकने जा रही है। 1.2 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली यह कंपनी विदेशी कंपनी के हाथों बिकने जा रही है। इस कंपनी को खरीदने की रेस में दुनिया की सबसे बड़ी एक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन ( Blackstone) सबसे आगे चल रही है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट की माने तो ब्लैकस्टोन ने LP (लिमिटेड पार्टनर्स ) के साथ मिलकर सिप्ला के प्रमोटर्स की पूरी हिस्सेदारी खरीदने के लिए नॉन बाइंडिंग बोली लगाई है। हम आपको यहां स्पष्ट कर दें कि सिप्ला अभी बिकी नहीं है, लेकिन बिकने की स्थिति बनती जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ख्वाजा हमीद की फैमिली कंपनी में अपनी पूरी 33.47 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सिप्ला देश की सबसे पुरानी दवा कंपनी है, जो मुनाफे से ज्यादा इस बात पर जोर देती है कि दवा की कीमत कम रखी जाए। कंपनी को गरीबों की दवा कंपनी तक कहा जाता है, लेकिन अब यह कंपनी बिकने जा रही है। साल 1935 में, यानी आजादी से पहले शुरू हुई इस कंपनी की डील अगर ब्लैकस्टोन से हो जाती है तो इस कंपनी की कमान एक भारतीय के हाथों से निकलकर विदेशी के हाथों में चली जाएगी।
सिप्ला की बिकने की खबरों से लोगों को झटका लगा है। सबसे मन में सवाल यही आया कि मुनाफा कमाने के बाद भी आखिर कंपनी बिक क्यों रही है। दरअसल सिप्ला उत्तराधिकारी के अभाव से जूझ रही है। कंपनी बिकने की एक बड़ी वजह उत्तराधिकारी की कमी है। अगर सिप्ला के उत्तराधिकारी योजना (Succession Plans) को देखें तो तस्वीर साफ हो जाएगी। साल 1935 में ख्वाजा अब्दुल हामीद ने कंपनी की शुरुआत की। 1972 में उनकी मृत्यु के बाद कंपनी की कमान युसूफ हामीद को सौंप दी। युसूफ हामीद (Y.K. Hamied) 87 साल के हो चुके हैं। युसूफ हामिद (चेयरमैन) और एमके हामिद ( वाइस चेरयमैन)दोनों सेकेंड जेनरेशन के हैं और दोनों की उम्र हो चुकी है। इसी वजह से उन्होंने साल 2015 में सिप्ला के बोर्ड में अपनी भतीती समीना हामिल को शामिल किया। समीना हामिद हामिद फैमिली के थर्ड जेनरेशन हैं और फिलहाल कंपनी को वहीं संभाल रही है।समीना कंपनी की एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन हैं। समीना हामीद फैमिली की तीसरी पीढ़ी की एकमा्त्र सदस्य हैं जो कंपनी को संभाल रही है। यानी इस परिवार में कंपनी को संभालने वाला आगे कोई नहीं है। ऐसे में हामीद फैमिली को सिप्ला कंपनी के नेतृत्व के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की जरूरत महसूस हो रही है। हालांकि सिप्ला के नेतृत्व का मसला लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है। कंपनी को एक स्पष्ट नेतृत्व मिल सके, इसलिए हामीद फैमिली कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। इस खबर के सामने आने के बाद से कंपनी के शेयर चढ़ रहे हैं।




