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25 सालों में 48 हजार बेघरों को मिला अपना घर: आश्रम की कहानी.
भरतपुर: एक डॉक्टर दंपति के छोटे से कदम ने 25 सालों में एक बड़ा बदलाव ला दिया।
भरतपुर के ‘अपना घर’ आश्रम ने 25 सालों में 48 हजार बेघर, अनाथ, बीमार और असहाय लोगों को नया जीवन दिया है। साल 2000 में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉ. माधुरी भारद्वाज ने इस आश्रम की नींव रखी थी। तब से लेकर आज तक यह आश्रम निराश्रित लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। आश्रम में रहने वाले लोगों को खाने-पीने से लेकर रहने और इलाज तक की सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। आज अपना घर आश्रम भारत के 12 राज्यों और नेपाल में फैला हुआ है। आश्रम ने न केवल बेघरों को आश्रय दिया है बल्कि कई लोगों को उनके परिवारों से भी मिलाया है।


