पहले पीएम ने कांग्रेस को घेरा और अब वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार को, जानिए श्वेत पत्र की 10 बड़ी बातें
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार विपक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने पंडित नेहरू से लेकर कांग्रेस सरकार में हुए घोटालों का जिक्र किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार के 10 साल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों पर श्वेत पत्र जारी किया है। इस श्वेत पत्र में मनमोहन सिंह सरकार के दस साल के कार्यकाल के आर्थिक कुप्रबंधन पर निशाना साधा गया है। वित्त मंत्री ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि मोदी सरकार UPA के दस साल के शासन काल में हुए आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र जारी करेगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र की 10 बड़ी बातें यहां जानिए।
2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी, पब्लिक फाइनेंस खराब स्थिति में था, आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था। यह एक संकट की स्थिति थी। तब हमारी सरकार ने खराब स्थिति पर श्वेत पत्र लाने से परहेज किया। अगर तब ऐसा किया होता तो निवेशकों समेत कई लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता और इससे आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ता।
2. 2004 में UPA को एक दुरुस्त स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, जो अधिक सुधारों के लिए तैयार थी, लेकिन UPA ने अपने 10 साल में इसे गैर-निष्पादित बना दिया। विडंबना यह है कि UPA नेतृत्व जो 1991 के सुधारों का श्रेय लेने में शायद ही कभी विफल रहता है, उसने 2004 में सत्ता में आने के बाद उसे छोड़ दिया।

3.
इससे भी बुरी बात ये है कि यूपीए सरकार ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद किसी भी तरह से उच्च आर्थिक विकास को बनाए रखने की अपनी खोज में, व्यापक आर्थिक नींव को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया। ऐसा ही एक नींव जिसे UPA सरकार ने बुरी तरह कमजोर किया था, वह मूल्य स्थिरता थी।



