आरबीआई ने दी बड़ी राहत, रेपो रेट में नहीं किया इजाफा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया. आरबीआई एमपीसी की बैठक (RBI MPC Meeting) में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि MPC ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आठ, नौ और 10 अगस्त को हुई. इस बैठक में यह फैसला किया गया.
लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई चेंज नहीं
इससे पहले जून में आयोजित बैठक में लगातार दूसरी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर यथावत रखने का फैसला किया था. स्टैंडिंग डिपॉजिट रेट 6.25 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट भी 6.75 फीसदी पर बने हुए हैं. केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया था.
जीडीपी ग्रोथ को लेकर आरबीआई का अनुमान
आरबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रह सकती है. केंद्रीय बैंक ने पहली तिमाही में 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ की संभावना प्रकट की है.
खुदरा महंगाई दर को केंद्रीय बैंक का अनुमान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जुलाई से अगस्त के बीच सब्जियों की कीमत में इजाफे की वजह से महंगाई दर में बढ़ोत्तरी की संभावना है. हालांकि, एमपीसी महंगाई दर को चार फीसदी पर सीमित करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
आरबीआई का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.4 फीसदी रह सकती है. आरबीआई का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रह सकती है.
भारत बन सकता है ग्लोबल ग्रोथ का वाहक
अपने पॉलिसी स्टेटमेंट की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि भारतीय इकोनॉमी बढ़िया रफ्तार से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय इकोनॉमी के मजबूत फंडामेंटल ने देश में सतत वृद्धि की नींव डाली है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की विकास का नया ग्रोथ इंजन बन सकता है.




