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रेलवे ने लेजर आधारित पहिया प्रोफाइल मापन प्रणाली शुरू की.

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने रेल यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक नई तकनीक अपनाई है।

रेलवे ने लेजर आधारित पहिया प्रोफाइल मापन प्रणाली शुरू की है। इस नई तकनीक से ट्रेनों के पहियों और पटरियों की नियमित जांच आसान हो जाएगी। यह प्रणाली लेजर किरणों का उपयोग करके पहियों और पटरियों की सतह को मापती है। इससे यह पता चलता है कि पहिए या पटरी कहां खराब हो रहे हैं या उनमें कोई दरार या खराबी तो नहीं है। इस जानकारी के आधार पर रेलवे अधिकारी समय रहते मरम्मत कर सकते हैं और दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इस नई प्रणाली के फायदे: सुरक्षा में सुधार: यह प्रणाली ट्रेनों के पहियों और पटरियों की स्थिति की नियमित जांच करके दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती है। रखरखाव में कमी: समय पर मरम्मत करने से रेलवे को लंबे समय में पैसे की बचत होगी। यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा: अच्छी तरह से रखरखाव वाले पटरों और पहियों से यात्रियों को आरामदायक यात्रा मिलेगी। लेजर आधारित पहिया प्रोफाइल मापन प्रणाली क्या है? यह एक विशेष उपकरण है जो लेजर किरणों का उपयोग करके पहियों और पटरियों की सतह को मापता है। यह उपकरण पहियों के घिसाव, ब्रेक डिस्क के मापन, पहियों के बीच की दूरी और पटरियों के घिसाव को माप सकता है।

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