राजनीतिक दलों को आखिर क्यों पसंद आते हैं अधिकारी? ये लिस्ट बहुत लंबी है
वी.के. पांडियन की काफी चर्चा हो रही है। चर्चा सिर्फ ओडिशा में ही नहीं हो रही है। IAS अधिकारी रहे पांडियन को अब नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। हालांकि इस पर कोई आश्चर्य नहीं और यह लिस्ट काफी लंबी है। राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने कभी राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा था। हाल के दिनों में देखा जाए तो कई आईएएस, आईपीएस ने राजनीति में एंट्री मारी है। कई रिटायरमेंट के बाद तो कई ऐसे जिन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा।
2000 बैच के IAS अधिकारी पांडियन अब नई भूमिका में

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व निजी सचिव वीके पांडियन को अब उनके कैबिनेट में जगह मिल गई है। आईएएस पांडियन को ओडिशा में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। उन्हें राज्य सरकार की 5 टी(परिवर्तन पहल) और नवीन ओडिशा योजना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पांडियन ने नौकरशाही के अपने करियर की शुरुआत 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के रूप में की थी। उन्हें 2005 में मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था और फिर 2007 में पांडियन को गंजम का जिलाधिकारी बनाया गया। गंजम में अपने पदस्थापन के दौरान ही वह मुख्यमंत्री के करीबी हो गए। पटनायक मूल रूप से गंजम जिले के रहने वाले हैं। पांडियन, 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में आए और तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे।
अश्विनी वैष्णव इनके काम से पीएम मोदी भी प्रभावित




