World

जेपी की जन्मभूमि से इन तीन जिलों को साधेंगे अमित शाह, समझिए गृहमंत्री का ‘मिशन बिहार’

जय प्रकाश नारायण की जयंती पर आज दोपहर लगभग 12 बजे अमित शाह जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा पहुंचेंगे. यहां वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह जेपी स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे.

Bihar Politics: लोकनायक जयप्रकाश की जयंती पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर से सियासी मोर्चा खोलने के लिए महज 20 दिनों के अंदर आज दोबारा बिहार आ रहे हैं. जाहिर है बिहार में अभी लालू और नीतीश की सरकार है. ऐसे में बीजेपी के द्वारा भ्रष्टाचार को एक मजबूत मुद्दा बनाया जाना तय माना जा रहा है. वजह ये है कि अभी हाल ही में लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई ने रेलवे में नौकरी देने के मामले में चार्ज शीट दायर की है.

जेपी की भूमि से चुनावी शंखनाद करेंगे अमित शाह

जय प्रकाश नारायण की जयंती पर आज दोपहर लगभग 12 बजे अमित शाह जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा पहुंचेंगे. यहां वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह जेपी स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे. इससे पहले केंद्रीय मंत्री जेपी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे. बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह के यह दूसरा बिहार दौरा है. यहां से अमित शाह 2024 के लोकसभा और 2025 में होने वाले चुनाव का शंखनाद करेंगे. जेपी की भूमि से चुनावी शंखनाद का एक अपना ही अलग महत्व है.

क्या है सियासी मायने?

बता दें कि 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. माना जाता है कि दिल्ली की सत्ता की राह बिहार और यूपी सो होकर ही निकलते हैं. अमित शाह के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी सिताब दियारा आएंगे. ऐसे में बीजेपी का मकसद तो साफ जाहिर हो रहा है. सीमांचल को साधने के बाद अब अमित शाह जेपी की जन्मभूमि से उत्तर बिहार को साधेंगे. जय प्रकाश नारायण की भूमि से चुनावी शंखनाद का अपना अलग ही महत्व होता है. दरअसल, जेपी की सरजमीं से अमित शाह उद्घोष कर जनता के बीच साफ संदेश देना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले लोगों को बिहार की जनता माफ नहीं करेगी. वजह बिहार में महागठबंधन की सरकार है.

इन जिलों को साधने की कोशिश करेंगे ‘शाह’

राजनीतिक जानकारों की मानें तो सीमांचल के बाद अमित शाह का सिताब दियारा दौरा बेहद खास रहने वाला है. वजह 2024 का लोकसभा चुनाव आ रहा है. जेपी की भूमि से अमित शाह सारण, सिवान, गोपालगंज को साधने की कोशिश करेंगे. जेपी की भूमि पर अमित शाह का आमगन इस वजह से भी खास माना जा रहा है क्योंकि संपूर्ण क्रांति आंदोलन में नीतीश-लालू जेपी के शिष्य हुआ करते थे. जेपी आंदोलन के दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुहिम छे़ड़ा गया था. जाहिर है कि उस दौरान नीतीश और लालू कांग्रेस के खिलाफ थे. अब नीतीश ने बिहार में दोबारा राजद और कांग्रेस के साथ हो गए हैं. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि अमित शाह इसी को आधार बनाकर सियासी हमला बोलेंगे.

from prabhat khabar

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button