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अरब देशों में फैला इजरायल युद्ध तो भी भारत पर कम होगा असर, दोस्त रूस ने कंधे पर रखा है हाथ, जानें क्या है मामला

इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। दुनिया भर में इस बात की चिंता है कि कहीं ये युद्ध बाकी अरब देशों में न फैल जाए। अगर ऐसा हुआ तो तेल के दामों में उछाल देखने को मिल सकता है। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसका भारत पर ज्यादा असर नहीं होने वाला। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के साथ रूस खड़ा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। जून में आए आंकड़ों के मुताबिक अब रूस का शेयर सबसे ज्यादा है। भारत में अब सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से आता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023/24 की पहली छमाही में भारत के कुल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी बढ़ी है, जो मिडिल ईस्ट के लिए एक बड़ा झटका है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उससे तेल खरीदना बंद कर दिया था, जिसके बाद रूसी तेल डिस्काउंट पर मिल रहा है। भारत इसका सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। इस साल के अंत तक सऊदी अरब अपने उत्पादन में कटौती पर विचार कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए दूसरे विकल्पों को खोजना जरूरी है।

रूस से कितना तेल खरीद रहा भारत

रॉयटर्स के मुताबिक भारत ने अप्रैल से सितंबर तक औसत 17.6 लाख बैरल रूसी तेल का प्रतिदिन आयात किया। पिछले साल की तुलना में यह दोगुना से ज्यादा है। जुलाई और अगस्त में तेल का आयात कम हुआ था। हालांकि पिछले महीने इसमें सुधार हुआ और भारत ने 15.4 लाख बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा, जो पिछले साल के मुकाबले 71.7 फीसदी ज्यादा है। इराक और सऊदी अरब को पीछे छोड़कर रूस अब भारत का सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट वेलिना चाकारोवा ने कहा, ‘याद दिला दें कि इस साल जून में सऊदी अरब और इराक को पछाड़कर रूस भारत का टॉप ऑयल सप्लायर बन गया है। वर्तमान मिडिल ईस्ट संघर्ष के कारण वैश्विक तेल बाजार प्रभावित हो रहा है और भारत वर्तमान में ऊर्जा आपूर्ति के मामले में सुरक्षित है।’ आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान भारत में इराक से 12 फीसदी और सऊदी अरब से 23 फीसदी आयात गिरा है। इराक से हर रोज 928,000 बैरल और सऊदी से 707,500 बैरल प्रतिदिन खरीदा जा रहा है।

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