हैदराबाद, तेलंगाना: हैदराबाद स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज के फार्मा प्लांट में हुए भीषण विस्फोट के बाद का मंजर भयावह है और मृतक श्रमिकों के परिजनों में गहरा आक्रोश है। परिजनों का आरोप है कि कंपनी में ‘पुरानी मशीनों’ के इस्तेमाल को लेकर बार-बार जताई गई चिंताओं को नजरअंदाज किया गया, जो इस त्रासदी का एक मुख्य कारण हो सकती हैं। इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों और प्रबंधन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह दुखद विस्फोट, जिसमें अब तक 35 से अधिक श्रमिकों की जान जा चुकी है, ने न केवल परिवारों को तबाह कर दिया है, बल्कि पूरी औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। मृतक श्रमिकों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार कंपनी प्रबंधन को बताया था कि प्लांट में इस्तेमाल की जा रही मशीनरी पुरानी हो चुकी है और उनमें जोखिम की आशंका है। लेकिन, इन चेतावनियों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसका परिणाम इतना भीषण निकला।
अब अधिकारी इस विस्फोट के कारणों की जांच कर रहे हैं, जिसमें ‘पुरानी मशीनरी’ के एंगल को भी शामिल किया गया है। यह आवश्यक है कि इस मामले में गहन और निष्पक्ष जांच हो ताकि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जा सके और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।



