यह घोषणा राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) मंत्री टी एम अन्बरासन ने शनिवार को की।
मुख्य बिंदु:
योजना की घोषणा:
योजना का उद्देश्य कारीगरों को उद्यमी के रूप में विकसित करना और उन्हें सशक्त बनाना है।
यह योजना दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नाम पर रखी गई है।
25 ट्रेडों को शामिल किया गया:
योजना में 25 प्रकार के पारंपरिक और अन्य व्यापारों को लाभ दिया जाएगा।
यह योजना पारंपरिक पारिवारिक व्यवसायों तक सीमित नहीं है।
क्रेडिट और सब्सिडी सहायता:
योजना के तहत ₹3 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसमें 25% सब्सिडी (अधिकतम ₹50,000) और 5% ब्याज सब्सिडी शामिल है।
योग्यता और आवेदन प्रक्रिया:
कम से कम 10,000 कारीगरों को हर साल लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का विरोध:
27 नवंबर, 2024 को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को मौजूदा स्वरूप में लागू करने से इनकार किया।
राज्य सरकार ने इसे जाति के आधार पर भेदभावपूर्ण बताते हुए एक समावेशी योजना की जरूरत बताई।
पीएम विश्वकर्मा योजना:
यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को व्यवसाय में मदद देने के लिए सितंबर 2023 में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई थी।
केंद्र ने इस योजना को देशभर में लागू करने की मंजूरी दी थी।
तमिलनाडु का रुख:
राज्य ने सामाजिक न्याय और व्यापक लाभ सुनिश्चित करने के लिए अपनी योजना बनाई।
सरकार की अपील:
मंत्री अन्बरासन ने कारीगरों से योजना का लाभ उठाने का अनुरोध किया।



