
धुर्वा के कूटे स्थित चिल्ड्रन होम में 7 साल की एक आदिवासी बच्ची से यौन हिंसा हुई थी। पूर्व आईएएस अफसर की संस्था रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा संचालित इस चिल्ड्रन होम के प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। घटना का खुलासा भी तब हुआ जब एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो 26 अप्रैल को घटना की जांच करने रांची पहुंचे।
आनन-फानन में 27 अप्रैल को रेनबो फाउंडेशन के हैदराबाद स्थित नेशनल ऑफिस से उसके अधिकारी भी रांची आए। संस्था के अधिकारियों ने कहा, मामला सही है। आरोपी गार्ड के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन देने की तैयारी की जा रही है।
साथ ही, यह भी स्वीकार किया कि घटना की जानकारी उन्हें 7 अप्रैल को ही मिल गई थी। उसी दिन आरोपी को नौकरी से हटा दिया गया था। आरोपी गार्ड अलबियुस टोप्पो गुमला के बिशुनपुर का रहनेवाला है। अब वह कहां है, यह किसी को पता नहीं है।
नगड़ी थाने के एसआई विनोद राम के फर्द बयान पर 26 अप्रैल को जब प्राथमिकी दर्ज हुई, तो एक और बड़ा खुलासा हुआ कि आरोपी गार्ड ने एक नहीं, बल्कि दो बच्चियों से यौन हिंसा की है। उल्लेखनीय है कि यहां 60 बच्चियां रहकर पढ़ाई करती हैं। ये सभी स्ट्रीट चिल्ड्रन हैं। कूटे में रेनबो 2018 से चिल्ड्रन होम चला रही है।
गार्ड को नौकरी से निकालने के बाद हुई सीपीसी की बैठक
संस्था के पदाधिकारियों को 7 अप्रैल को घटना का पता चला, तो तुरंत गार्ड को नौकरी से हटा दिया। 4 दिन बाद 11 अप्रैल को चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी (सीपीसी) की बैठक की, फिर भी आरोपी के विरुद्ध केस दर्ज नहीं कराई। इसलिए, एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि मामले को दबाने की कोशिश की गई, क्योंकि संस्था एक रसूखदार पूर्व नौकरशाह की है।
आरोपी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है : सीनियर मैजनर
हैदराबाद से आए रेनबो फाउंडेशन के सीनियर मैनेजर परमिंदर सिंह ने कहा, घटना सही है। हमने जांच कराई है। आरोपी गार्ड पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है।
7 अप्रैल को मामले का पता चलने के बाद गार्ड को नौकरी से हटा दिया गया था। कार्रवाई के लिए 11 अप्रैल को सीपीसी की बैठक हुई थी। जो दिशा-निर्देश सीपीसी की ओर से दिए गए थे, उसे फॉलो किया जा रहा था।
संस्था ने नहीं, दारोगा ने दर्ज कराई प्राथमिकी
चिल्ड्रन होम की ओर से प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई, पर नगड़ी थाने ने 26 अप्रैल को एनसीपीसीआर अध्यक्ष की जांच के बाद एसआई विनोद राम के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्राथमिकी के अनुसार, चिल्ड्रन होम में गार्ड अलबियुस टोप्पो ने एक नहीं, दो बच्चियों से यौन हिंसा की है।
संस्था के कर्मियों ने सबकुछ जानने के बाद भी मामले को छुपाने का प्रयास किया। इसलिए, प्रथम दृष्टया आरोपी व चिल्ड्रन होम प्रबंधन अपराधी की श्रेणी में आते हैं। मामले में भादवि की धारा 176 व पोक्सो एक्ट की धारा चार व छह के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Source : Dainik Bhaskar


