World

बनना था पत्रकार बन गए IPS, 56 अपराधियों का एनकाउंटर करने वाले जांबाज ऑफिसर दीपक कुमार की कहानी

जांबाज पुलिस ऑफिसर की कहानियां मिसाल होती हैं आम आदमी के लिए। ऐसी कहानियां जिससे बच्चे सीख लेते हैं और उन ऑफिसर्स को अपना आदर्श बना लेते हैं। हमारे देश में एक से बढ़कर एक जाबांज आफिसर है जो अपनी जान की परवाह न करके अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाते हैं। देश में अमन और शांति बढ़ाने में ऐसे ऑफिसर्स का अहमद योगदान होता है। ऐसे ही एक पुलिस ऑफिसर है दीपक कुमार।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दीपक कुमार की कहानी

उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा देने वाले दीपक कुमार देश मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट में से एक हैं और अब तक 56 अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं। यूपी के सबसे भरोसेमंद ऑफिसर की लिस्ट में दीपक कुमार का नाम भी शामिल है, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि दीपक कुमार की बचपन से ख्वाहिश थी की कलम के सिपाही यानी पत्रकार बनकर देश की सेवा करें, लेकिन परिवार वाले चाहते थे कि वो आईपीएस ऑफिसर बने।

पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन बन गए IPS अधिकारी

बिहार के बेगूसराय में दीपक कुमार का जन्म हुआ। किसान परिवार में जन्में दीपक की पढाई-लिखाई भी बेगूसराय में ही हुई। गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वो ग्रेजुएशन के लिए बनारस चले गए। इकोनॉमिक्स में ग्रेजुशन करने के बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से दीपक कुमार ने एलएलबी की और वो पत्रकारिता में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन परिवार वालों के कहने पर उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। परिवार वाले वाले चाहते थे कि उनके परिवार से कोई सरकारी अधिकारी बने।

2005 बैच के अधिकारी है दीपक कुमार

दीपक कुमार सबसे पहले 2003 में दानिक्स कैडर में सिलेक्ट हुए थे। उनको दिल्ली पुलिस में एसीपी बनाया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने ने सिविल सर्विस का एग्जाम दिया और 2005 में IPS में सेलेक्ट हुए। साल 2007 में उन्हें गाजियाबाद का एसपी बनाया गया जहां उनकी एक अलग पहचान बनी। दीपक काफी सख्त पुलिस अधिकारी माना जाता है, लेकिन साथ ही वो अपने सामाजिक कामों के लिए भी जाने जाते हैं।

लखनऊ में मुहर्रम जुलूस का रूट बदलवाया

दीपक कुमार गाजियाबाद के अलावा अयोध्या, अलीगढ़ कई जिलों में पोस्टेड रहे। साल 2017 में उन्हें लखनऊ में पोस्टिंग मिली तो वो वहां अपने कामों को लेकर काफी मशहूर हुए। मुहर्रम के जुलूस को लेकर लखनऊ में हर साल हिंसा की खबरें आती थी, लेकिन दीपक कुमार ने अपनी समझदारी से मुहर्रम के जुलूस का रूट बदल दिया जिससे तनाव काफी कम हो गया। इस काम के लिए उनकी जमकर तारीफ हुई।

बांग्लादेशी गिरोह का किया राज्य से खात्मा

दीपक कुमार ने कई बड़े अपराधियों पर लगाम भी कसी। राज्य में बांग्लादेशी गिरोह तेजी से फैल रहा था। दीपक कुमार इस गिरोह की पूरी तरह से जड़ें खोद डाली। इसके अलावा राजस्थान के बावरिया गैंग का भी उत्तर प्रदेश से उन्होंने पूरी तरह से खात्मा किया। फिलहाल वो आईजी पद पर तैनात हैं। इसी साल जनवरी में उन्हें अलीगढ़ रेंज के डीआईजी से प्रमोट करके आईजी बनाया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button