पुराना चूल्हा, लकड़ी के दरवाजे, घर के पीछे बहती नदी…देखिए सीएम शिवराज के गांव वाला पुराना घर
दुनिया भले ही उन्हें ‘मामा’ के नाम से जानती हो, दुनिया की नजर में वह भले ही लगभग 20 साल से एक राज्य के सीएम हों, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पैतृक गांव की जनता उन्हें आत्मीयता से भैया कहकर बुलाती है। वैसे तो पूरे प्रदेश में उनका जनता से आत्मीयता का संबंध है, लेकिन यहां सिर्फ महिलाएं नहीं, पुरुष भी उन्हें भैया कहकर बुलाते हैं।
सीएम शिवराज के घर के रास्ते में स्कूल
राजधानी भोपाल से लगभग 86 किलोमीटर दूर जैत गांव नर्मदा के तट पर बसा हुआ है। ये गांव स्टेट हाई-वे 15 के माध्यम से सीएम चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी से जुड़ा हुआ है। मुख्य सड़क से धान के खेतों से घिरा हुआ एक 3.5 किमी लंबा चौड़ा रास्ता है, जो सीएम चौहान के घर लेकर जाता है। इस घर की एंट्री पर सीएम की एक बड़ी तस्वीर है, जिसमें उन्हें हाथ जोड़कर आगंतुकों का अभिवादन कर रहे हैं।
सीएम शिवराज के घर के रास्ते में मंदिर
गांव की जनता कहती है कि सीएम चौहान उनके लिए भैया हैं। पूरा गांव इसी नाम से उन्हें बुलाता है। बाहर भले ही लोग उन्हें ‘मामा’ कहते हैं। जब भी सीएम यहां आते हैं, पूरा गांव परिवार की तरह इकट्ठा हो जाता है। इस छोटे से गांव में 260 से अधिक घर और 2,000 से कम मतदाता हैं।
सीएम शिवराज का खपरैल वाला पुश्तैनी घर
सीएम शिवराज का पुश्तैनी घर भी इसी गांव में है। इस घर में आज भी सब पुराना सामान इस्तेमाल हो रहा है। खपरैल वाला झोंपड़ीनुमा घर, उस घर में पुराना मिट्टी का चूल्हा है, लकड़ी के दरवाजे हैं। पूजा के लिए अलग स्थान बना हुआ है। गांव के लोगों ने बताया कि भैया साल में दो बार ‘दूज’ त्योहार पर यहां आते हैं। एक महिला ने बताया कि चौहान ने हर संकट या परेशानी के दौरान अपने गांव के लोगों की मदद की है।




