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500, 600… दिल्‍ली के बढ़ते एयर पलूशन पर AIIMS के पूर्व डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया की चेतावनी पढ़ लीजिए

राजधानी दिल्‍ली में एयर पलूशन ने हाल बेहाल कर रखा है। तमाम कोशिशों के बावजूद एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) लगातार बढ़ रहा है। ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है। इसके अलावा 13 से 20 नवंबर तक के लिए ऑड-ईवन सिस्‍टम वापस लाने का फैसला किया गया है। इस बीच एम्स के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्‍होंने उन लोगों को घर में रहने की सलाह दी है जिन्‍हें ज्‍यादा जोखिम है। इनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्‍चे, सांस के मरीज, कम इम्‍युनिटी वाले लोग शामिल हैं। डॉ गुलेरिया ने कहा है कि अगर बाहर जाना जरूरी है तो लोग मास्क लगाकर निकलें।

हर गुजरते द‍िन के साथ हाल हो रहा है खराब
दिल्‍ली के बढ़ते वायु प्रदूषण ने चिंता पैदा कर दी है। हर गुजरते दिन के साथ महानगर की आबोहवा बिगड़ती जा रही है। इसने स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी मुश्किलें भी पैदा कर दी हैं। अस्‍पतालों में सांस के रोगियों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। इन सब के बीच सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने वॉर्निंग दी है। उन्‍होंने कहा है कि सांस, दिल के मरीजों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्‍चों और कम इम्‍युनिटी वालों को ज्‍यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ये ज्‍यादा जोखिम वाले समूह में हैं। इस समूह के लोगों को घर के अंदर ही रहना चाहिए। बहुत जरूरी हो तो ही घर से बाहर आना चाहिए। अगर वो घर से बाहर आ भी रहे हैं तो उन्हें मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।

धूप न‍िकलने पर ही घर से बाहर न‍िकलें
डॉ गुलेरिया के मुताबिक, बहुत जरूरी स्थिति में तभी निकलें जब धूप निकल आए। धूप में ग्राउंड लेवल पर प्रदूषण तुलना में कम होता है। गर्म हवा से पल्‍यूटेंट ऊपर चले जाते हैं। जबकि सुबह और शाम को पल्‍यूटेंट ग्राउंड लेवल पर ज्‍यादा होते हैं। यही कारण है कि एम्‍स के पूर्व प्रमुख ने वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी है कि वे सुबह जल्दी या देर शाम को सैर पर न जाएं।

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