‘लाडली और महतारी’ ने एमपी-छत्तीसगढ़ में बीजेपी को दिलाई जीत, क्या मोदी भी महिलाओं को बड़ा तोहफा देने वाले हैं?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी कर ली तो छत्तीसगढ़ में उसने कांग्रेस से कुर्सी छीन ली। कहा जा रहा है कि भाजपा ने दोनों ही प्रदेशों में महिला केंद्रित योजनाओं के दम पर चौंकाने वाले परिणाम लाई है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की ‘लाडली बहना योजना’ ने बीजेपी को महिला मतदाताओं का जबर्दस्त समर्थन दिलवाया। वहीं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में ‘महतारी वंदन योजना’ का ऐलान करके करीब-करीब आखिरी मौके पर चुनावी समीकरण को पलट दिया। लंबे समय से भूपेश बघेल सरकार की सत्ता वापसी से किए जा रहे दावे कमजोर पड़ने लगे और 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आए तो पूरा देश भौंचक रह गया। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में आसान जीत दर्ज कर ली। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी या कहें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को लेकर ऐसे ही बड़े पत्ते फेंकेंगे? वैसे भी मोदी सरकार में महिला हितैषी कई योजनाएं चल रही हैं। लेकिन एमपी-छत्तीसगढ़ में महिलाओं के लिए अलग-अलग लाभकारी योजनाओं की अपने मकसद में प्राप्त शानदार सफलता के बाद बीजेपी राष्ट्रीय चुनावों में भी यह फॉर्म्युला आजमा सकती है।
मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना का कमाल
पहले बात ‘लाडली बहना योजना’ और ‘महतारी वंदन योजना’ की जो अब चुनावों के लिहाज से बीजेपी के लिए ‘ट्राइड एंड टेस्टेड वेपन’ साबित हो चुकी हैं। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लाडली बहन योजना के तहत कुछ शर्तें पूरा करने वाली 23 से 60 वर्ष की महिलाओं को हर महीने पहले 1,000 रुपये देना शुरू किया और अभी 1,250 रुपये दे रही है। चुनाव बाद सरकार की वापसी पर इस राशि को बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया गया। दावा है कि यह ऐलान शिवराज सरकार के लिए चमत्कारी साबित हुआ और सारे अनुमानों को ध्वस्त करते हुए उसने चुनावों में शानदार जीत हासिल की।
छत्तीसगढ़ में ऐन वक्त पर बीजेपी ने फेंका पासा और…
उधर, छत्तीसगढ़ में महतारी या मां के ईर्द-गिर्द की राजनीति गरम करने में जुटी भूपेश बघेल सरकार का पलड़ा चुनाव में काफी भारी दिख रहा था। तभी बीजेपी ने ‘महतारी वंदन योजना’ को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर दिया। इसके तहत हर विवाहित महिला को प्रति माह 1,000 रुपये देने का वादा किया गया है।
बीजेपी ने इस पर काफी तत्परता दिखाते हुए 10 दिनों में 53 लाख फॉर्म भी भरवा दिए। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग होनी थी।
बीजेपी की चाल से कांग्रेस चित
इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘महतारी वंदन योजना’ का फॉर्म भरवाना शुरू किया और 15 नवंबर तक 53 लाख फॉर्म भरवा लिए। इतना ही नहीं, भविष्य के उन लाभार्थियों के फोन नंबर लेकर उन्हें योजना के फायदे बताए। बीजेपी के इस दांव के असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी को पहले चरण के चुनाव के बाद अपने घोषणा पत्र में ‘छत्तीसगढ़ गृह लक्ष्मी योजना’ को शामिल करना पड़ा। उसने बीजेपी पर बढ़त हासिल करने के मकसद से मासिक राशि को बीजेपी के 1,000 रुपये के मुकाबले 1,250 रुपये प्रति माह का ऐलान कर दिया। इस तरह वादे तो दोनों दलों ने किए, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी पर दांव खेला और पार्टी जीत गई।
और रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने लगीं महिलाएं
दरअसल, मोदी सरकार ने महिला केंद्रित योजनाओं के दम पर महिला मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने में सक्षम रही। देश के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में हुआ जब मतदान करने वाली महिलाओं का प्रतिशत, पुरुषों के करीब-करीब बराबर था। तब 66.68% महिला वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि सिर्फ 0.11% ज्यादा, कुल 66.79% पुरुष मतदाताओं ने वोट किया था। यह महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं का ही असर था जिन्होंने रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं को न केवल मतदान केंद्रों तक खींच लाया बल्कि उन्हें अपनी मर्जी से वोट डालने को प्रेरित किया।



