क्या 2024 में यूपी से इतिहास रचने जा रही BJP? I.N.D.I.A. का ये हाल, अखिलेश की परेशानी बढ़ाएंगे सर्वे के आंकड़े
लोकसभा चुनाव 2024 की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। तमाम राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को पूरा कराने में जुट गए हैं। इस क्रम में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को भी जमीन पर उतारने की तैयारियां तेज हैं। इन तैयारियों के बीच टाइम्स नाउ ईटीजी सर्वे रिपोर्ट ने विपक्ष की ओर से किए जा रहे तमाम दावों की हवा निकाल दी है। लोकसभा चुनाव को लेकर कराए गए टाइम्स नाउ ईटीजी सर्वे में देश की बड़ी तस्वीर निकल कर सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती इस सर्वे रिपोर्ट में दिख रही है। पार्टी को अपने दम पर देश में 308 से 328 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. बहुमत से कोसों दूर दिख रही है। I.N.D.I.A. की सबसे प्रमुख दल कांग्रेस को अपने दम पर एक बार फिर 52 से 72 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, एक बार फिर भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाने में उत्तर प्रदेश बड़ी भूमिका निभाने वाला है। भाजपा को प्रदेश की 70 से 74 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया है। यह विपक्षी गठबंधन के नेता अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले आंकड़े हैं।
दावे बड़े, जमीन पर नहीं बन रही पकड़
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी में सत्ता पक्ष- विपक्ष लगातार जुटा हुआ है। विपक्षी धरे की अगुआई समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कर रहे हैं। अखिलेश यादव खुद को विपक्षी गठबंधन का सबसे बड़ा नेता बताते हुए अभी से ही सीट बंटवारे को लेकर अपनी भूमिका तय करने में जुटे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल की अपनी- अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। इन सबके बीच लोकसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है। पार्टी की ओर से हर जिले में अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। पार्टी चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन इलाकों को टारगेट कर रही है, जहां उसकी स्थिति मजबूत नहीं रही है। मोदी की गारंटी के साथ पार्टी के कार्यकर्ता लोगों को जोड़ने के अभियान में जुटे हैं। पार्टी ऐसे इलाकों में मतदाताओं को साध रही है। वहीं, विपक्ष की सारी लड़ाई सीटों के बंटवारे पर टिकी हुई दिख रही है। जमीन पर पकड़ बनाने के प्रयास उस स्तर पर काम करते नहीं दिख रहे हैं।
विपक्ष में दिख रहा रणनीति का अभाव
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के सामने अभी तक सबसे बड़ा संकट रणनीति का अभाव का है। पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने के लिए ठोस मुद्दे तलाश रही है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान अखिलेश यादव ने माहौल बनाया था। लेकिन, अंत में सरकार के खिलाफ कोई ठोस मुद्दा नहीं बन पाने के कारण उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिल सकी। पार्टी अपने वोट प्रतिशत में वृद्धि पर ही खुश होती रही है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव अप्रैल- मई हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में विपक्षी गठबंधन के पास रणनीति का अभाव उनकी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
अखिलेश यादव प्रदेश स्तर पर सक्रिय होते हैं, लेकिन निरंतरता का अभाव दिख रहा है। वहीं, जयंत चौधरी खुद को पश्चिमी यूपी में सीमित रखे हैं। कांग्रेस की रणनीति बन ही नहीं पा रही है। इसका कारण पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का डेढ़ साल से गायब होना है। पार्टी अध्यक्ष अजय राय अपने स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, बूथ स्तर को मजबूत करने और कैडर खड़ा करने में पार्टी अभी पिछड़ती दिख रही है।
सर्वे में खुली विपक्षी गठबंधन के दावों की पोल
टाइम्स नाउ ईटीजी सर्वे ने विपक्षी गठबंधन की तैयारी और दावों की पोल खोल कर रख दी है। अभी चुनाव होने की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर प्रदेश की 70 से 74 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को 4 से 8 सीटों पर जीत मिल सकती है। मतलब, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर भी भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर पाने में प्रदेश में सफल होते नहीं दिख रहे हैं। वहीं, भतीजे को राजनीतिक वारिस घोषित किए जाने के बाद मायावती कोई खास लाभ हासिल करती दिख नहीं रही हैं। आकाश आनंद को सीधे भाजपा से मुकाबले के लिए अभी और तजुर्बा लेना होगा। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर 2014 वाली स्थिति में पहुंचती दिख रही है।



