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विकेटकीपर से गैंगस्टर तक, अतीक अहमद के फाइनेंसर नफीस ने तय किया था बड़ा सफर

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को जो कुछ हुआ, वह झकझोर कर रख देने वाला था। खुलेआम वकील और बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की उसके घर के सामने हत्या कर दी गई। क्रेटा कार में बैठकर आए अपराधियों ने इस जघन्य हत्याकांड को सरेआम अंजाम दिया। हत्यारों का नेतृत्व माफिया अतीक अहमद का तीसरा बेटा असद अहमद कर रखा था। बमबाज गुड्‌डू मुस्लिम समेत कई नाम इस हत्याकांड में आए। लेकिन, उमेश पाल मर्डर केस ने प्रयागराज से पूरे उत्तर प्रदेश में खौफ का साम्राज्य स्थापित करने वाले संगठित अपराध के सरगना अतीक अहमद के साम्राज्य को हिलाकर रख दिया। अतीक गैंग पर लगातार पुलिस का साया मंडरा रहा है। नफीस बिरयानी की मौत के बाद एक बार फिर उमेश पाल हत्याकांड और उसके दोषियों पर चर्चा शुरू हो गई है।

उमेश पाल केस के मुख्य आरोपी अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर हो चुका है। अतीक और उसके भाई दानिश अजीम उर्फ अशरफ की हत्या कर दी गई। वहीं, इस मामले में आरोपी बने अपराधियों को पुलिस लगातार ढूंढ़ रही है। पिछले दिनों उमेश पाल केस के आरोपी नफीस बिरयानी की भनक पुलिस को मिली। छापा मारा गया। इस क्रम में पुलिस की अपराधी से मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने उसके पैरों में गोली मारकर उसे गिरफ्तार किया। अस्पताल में इलाज चला। इसके बाद उसे प्रयागराज के नैनी जेल भेजा गया। नैनी जेल में हार्ट अटैक के बाद नफीस की मौत हो गई। नफीस बिरयानी की मौत के बाद उसके अपराध की दुनिया में आने की कहानी सामने आई है।

क्या है मामला?

माफिया अतीक अहमद के फाइनेंसर और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी नफीस बिरयानी को नैनी जेल में दिल का दौरा पड़ा था। रविवार 17 दिसंबर की करीब सुबह 11:45 बजे नफीस को गंभीर स्थिति में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब 13 घंटों तक नफीस का इलाज चलता रहा। डॉक्टरों ने अतीक के इस करीबी को बचाने की कोशिश की। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उसका इलाज चलता रहा। एसआरएन अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि नफीस का ब्लड प्रेसर बहुत कम था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था। उसके इलाज में डॉक्टरों की स्पेशल टीम को लगाया गया। नफीस को हार्ट के साथ किडनी की भी समस्या थी। रविवार देर रात उसकी हालत बिगड़ने लगी। उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। रविवार- सोमवार की रात करीब 1 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया। बिसरा सुरक्षित रखा। शव को सुपुर्द ए खाक के लिए परिजनों को सौंप दिया।

विकेटकीपर से बना अतीक का फाइनेंसर

नफीस बिरयानी के बारे में स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि वह बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता था। क्रिकेट में विकेटकीपर- बल्लेबाज की भूमिका निभाता था। बाद में वह अपराध की दुनिया से जुड़ गया। विकेटकीपर से बिरयानी चेन खोलने के सफर में नफीस कब अतीक अहमद का फाइनेंसर बन गया, पता ही नहीं चला। नफीस पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की मदद करने का आरोप लगा है। उमेश पाल केस में उसकी क्रेटा कार इस्तेमाल की गई तो उसे पुलिस ने वांटेड घोषित कर दिया। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो दावा किया गया कि नफीस बिरयानी के धंधे से 30 लाख रुपए हर महीने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पहुंचाया जा रहा था। अहमदाबाद जेल में बंद अतीक का खर्चा भी नफीस ही उठा रहा था।

अशरफ की मदद से बढ़ा आगे

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे नफीस के करीबियों का कहना है कि मजीदिया इस्लामिया कॉलेज से उसने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की थी। नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के दौरान नफीस स्कूल की क्रिकेट टीम में शामिल था। वह बेहतरीन विकेट कीपिंग करता था। साथ ही, एक अच्छा बल्लेबाज भी था। वह कॉलेज स्तर की प्रतियोगिताओं में भी भाग लेता था। बाद में उसने सिविल लाइंस में पान की दुकान खोली। इसी पान की दुकान पर नफीस की मुलाकात अतीक के भाई अशरफ से हुई। मुलाकात दोस्ती में बदली। दोनों की दोस्ती जम गई तो अशरफ ने नफीस को बिरयानी की दुकान खोलने का ऑफर दिया। नफीस को भी पैसे कमाने का जुनून था। उसने ऑफर स्वीकार किया।

अशरफ की मदद से उसने सिविल लाइंस में बिरयानी की पहली दुकान खोली। इसके बाद देखते ही देखते ही देखते उसकी बिरयानी की चर्चा पूरे प्रयागराज में होने लगी। इसके बाद नफीस ने बिरयानी शॉप की फ्रेंचाइजी देनी शुरू की। नफीस बिरयानी शॉप का ब्रांड बन गया। इसके बाद उसका नाम नफीस बिरयानी पड़ गया।

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