घंटे भर का ऑक्सीजन, थम गई थीं धड़कनें…उत्तरकाशी में रेस्क्यू के दौरान टीम ने कैसे हटाया ‘आखिरी रोड़ा’?
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में मजदूरों के रेस्क्यू पर उस समय बड़ा ब्रेक लग गया था, जब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान आयर रॉड्स ने उनका रास्ता रोक दिया। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने में अब 12 से 15 घंटे की देरी लगेगी। हालांकि, रेस्क्यू टीम ने इस बाधा को भी पार कर लिया है। कहा जा रहा है कि मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे इस लंबे और मैराथन अभियान में यह आखिरी रोड़ा था। इसके बाद वर्कर्स तक पहुंचने में अब कोई भी बाधा नहीं आनी चाहिए। ऐसे में रेस्क्यू का काम अब जल्द पूरा हो सकता है और मजदूरों को खुली हवा में सांस लेने का मौक आज ही मिल सकता है।
जटिल रास्ता

दरअसल, 12 दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक वैकल्पिक सुरंग खोदी जा रही है। इस सुरंग के जरिए ही मजदूरों को टनल से बाहर निकाला जाना है। यह सुरंग बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल और मुश्किलों से भरी है। पाइप्स को वेल्डिंग के जरिए जोड़कर बनाई जा रही इस सुरंग के बनने में काफी समय लग रहा है। बताया जा रहा है कि दो पाइपों को जोड़ने में कम से कम 4 से 5 घंटे का समय लग रहा है। इसी बीच तमाम तरह की बाधाएं भी रेस्क्यू का रास्ता रोक रही हैं।
रेस्क्यू पर ब्रेक

ऐसी ही एक बाधा गुरुवार की देर रात रेस्क्यू टीम के सामने आई है। दरअसल, सुरंग बनाने के लिए जब ऑगर मशीन ड्रिलिंग कर रही थी, तभी रास्ते में आयरन रॉड्स ने दिक्कत करना शुरू कर दिया। ये आयरन रॉड्स सुरंग पर गिरे मलबे में काफी मात्रा में थीं। सुरंग के लिए लगाई जा रही पाइप्स मजदूरों के काफी नजदीक पहुंच गई हैं। बताया गया कि सिर्फ दो और पाइप्स लगनी थीं कि ऑगर मशीन का रास्ता इन आयरन रॉड्स ने रोक दिया। इससे रेस्क्यू का काम काफी देर के लिए रुक गया।



