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श्रीलंका के PM राजपक्षे का इस्तीफा, विपक्ष के दबाव में झुके, देश के कई हिस्सों में हिंसा- टकराव का खतरा बढ़ा

दिवालिया होने की कगार पर खड़े श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे दिया। पिछले हफ्ते प्रमुख विपक्षी नेता सिरिसेना ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इसमें तय हो गया था कि प्रधानमंत्री महिंदा इस्तीफा देंगे। इसके बाद अंतरिम सरकार बनेगी।

दूसरी तरफ, श्रीलंका के कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें हैं। इससे भी बड़ा खतरा महिंदा के इस्तीफे से खड़ा हो गया है। दरअसल, उनके बड़े भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे नहीं चाहते थे कि महिंदा इस्तीफा दें, लेकिन विपक्ष की मांग के आगे उन्हें झुकना पड़ा। दूसरी तरफ, उन्होंने अपने समर्थकों को सड़कों पर उतार दिया। अब राजपक्षे भाईयों के विरोधियों और समर्थकों के बीच देश के कई हिस्सों में झड़पें शुरू हो गई हैं।

बांग्लादेश ने 20 करोड़ डॉलर का लोन चुकाने के लिए दिया एक और साल
श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है। इसे देखते हुए बांग्लादेश ने करेंसी स्वैप के माध्यम से दिए गए 20 करोड़ डॉलर के लोन को चुकाने की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है।

बांग्लादेश बैंक के डायरेक्टर्स ने एक बैठक में यह फैसला किया। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के प्रवक्ता सेराजुल इस्लाम ने कहा कि लोन की शर्तों को बदले बिना ही इसे बढ़ाया गया है। वहीं, सरकार के खिलाफ लोगों का विरोध जारी है।

2021 में बांग्लादेश ने दिया था लोन
बांग्लादेश ने करेंसी स्वैप (मुद्रा विनिमय) समझौते के तहत श्रीलंका को 200 मिलियन डॉलर की सहायता मई 2021 में दी थी। श्रीलंका को लोन 3 महीने में चुकाना था, लेकिन फिर श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट में फंस गया। इसके बाद बांग्लादेश ने लोन चुकाने की अवधि बढ़ा दी है।

मानवीय सहायता भेज रहा बांग्लादेश

बांग्लादेश ने हाल ही में श्रीलंका को इमरजेंसी मेडिकल सप्लाईज भेजी थी। स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित एक टोकन हैंडओवर समारोह में बांग्लादेशी विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन और स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक ने बांग्लादेश में श्रीलंका के उच्चायुक्त सुदर्शन डीएस सेनेविरत्ने को दवाओं के बॉक्स दिए थे। मोमेन ने दवा की आपूर्ति को बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच एकजुटता और दोस्ती की अभिव्यक्ति बताया। इस बीच, सेनेविरत्ने ने कहा कि श्रीलंका बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है और इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस दौरान बांग्लादेश की एसेंशियल ड्रग्स कंपनी लिमिटेड और बांग्लादेश एसोसिएशन ऑफ फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्रीज ने मिलकर करीब 10 करोड़ की दवाएं श्रीलंका को सौंपी थीं।

SOURCE: DAINIIK BHASKAR

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