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नए ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस ने सिर्फ सोच के कृत्रिम हाथों को नियंत्रित करने की क्षमता में सुधार किया.

वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में बंदरों के मस्तिष्क के संकेतों का उपयोग करके कृत्रिम हाथों को नियंत्रित करने की क्षमता में सुधार किया है।

यह खोज कृत्रिम अंगों वाले लोगों के लिए एक बड़ी उम्मीद है।

इस नए ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (बीसीआई) के माध्यम से, बंदरों ने अपने कृत्रिम हाथों को अधिक कुशलता और सटीकता से नियंत्रित करने में सक्षम हो गए हैं। यह तकनीक मस्तिष्क के संकेतों को सीधे कंप्यूटर में ट्रांसफर करती है, जिससे कृत्रिम अंगों को नियंत्रित किया जा सकता है।

यह अध्ययन कृत्रिम अंगों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे विकलांग लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इस तकनीक के विकास से वे अपने कृत्रिम अंगों को अधिक स्वाभाविक रूप से उपयोग कर पाएंगे।

यह खोज कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • कृत्रिम अंग: यह कृत्रिम अंगों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • विकलांगता: यह विकलांग लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
  • ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस: यह ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • चिकित्सा विज्ञान: यह चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज है।

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