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भारत का पहला ट्रैकर डॉग ट्रेनिंग सेंटर बंदीपुर टाइगर रिजर्व में खुला.

बेंगलुरु: भारत में शिकारियों से लड़ने के लिए एक नया हथियार जुड़ गया है। बंदीपुर टाइगर रिजर्व में देश का पहला ट्रैकर डॉग ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है।

इस सेंटर में बेल्जियम शेफर्ड कुत्तों को जंगल में निगरानी रखने और अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

क्यों है ये खबर महत्वपूर्ण?

भारत में वन्यजीवों का शिकार एक बड़ी समस्या है। शिकारी अक्सर जंगलों में घुसकर जानवरों का शिकार करते हैं। इन शिकारियों को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में ट्रैकर डॉग्स बहुत काम आएंगे। ये कुत्ते शिकारियों के निशान को सूंघकर उन्हें ढूंढ सकते हैं।

बेल्जियम शेफर्ड क्यों?

बेल्जियम शेफर्ड कुत्ते अपनी तेज बुद्धि और सूंघने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। इन्हें आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकता है और ये जंगल के कठिन हालात में भी काम कर सकते हैं।

क्या होगा इस सेंटर में?

इस सेंटर में बेल्जियम शेफर्ड कुत्तों को जंगल में घूमना, शिकारियों के निशान ढूंढना, हथियारों को सूंघना और लोगों को पकड़ना सिखाया जाएगा। इन कुत्तों को वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना भी सिखाया जाएगा।

इससे क्या फायदा होगा?

इस सेंटर से वन्यजीवों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। शिकारियों को पकड़ने में आसानी होगी और जंगलों में शांति बहाल होगी।

मुख्य बिंदु:

  • भारत का पहला ट्रैकर डॉग ट्रेनिंग सेंटर
  • बंदीपुर टाइगर रिजर्व
  • बेल्जियम शेफर्ड कुत्ते
  • शिकारियों से लड़ाई
  • वन्यजीव सुरक्षा

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