ईरान पर इजरायल के हमले के बाद मिडिल ईस्ट में स्थिति तनावपूर्ण.
जेरूसलम: ईरान पर इजरायल के दुर्लभ हवाई हमले के बाद क्षेत्र में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
शनिवार को हुए इस हमले पर ईरान की प्रतिक्रिया से यह तय होगा कि तनावपूर्ण स्थिति बिगड़ती है या नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की तुरंत सैन्य प्रतिक्रिया से उसके कमजोर पक्ष उजागर हो सकते हैं और इजरायल की ओर से मजबूत जवाब मिल सकता है। इसके चलते ईरान अभी प्रतिशोध से बच सकता है। हाल में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने अमेरिका से परमाणु समझौते का संकेत दिया था, जिससे ईरान आर्थिक प्रतिबंधों से राहत पा सके। शनिवार को ईरानी सेना के बयान में गाजा और लेबनान में संघर्ष विराम की बात कही गई, जिससे प्रतिशोध की संभावनाएं कम होती दिख रही हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, ईरान ने हाल के हमलों को कम कर दिखाने की कोशिश की है। इस हमले में इजरायल ने ईरान के हवाई सुरक्षा तंत्र और मिसाइल उत्पादन सुविधाओं को निशाना बनाया, जिससे ईरान की सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई है।
इजरायल ने इस हमले में केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे ईरान को प्रतिशोध न लेने का मौका मिल सके। इजरायल के विशेषज्ञ योएल गुज़ांस्की के अनुसार, यह हमला ईरान को “मुंह की बचत” का विकल्प देता है।
मध्य पूर्व में हालात नई दिशा में हैं। दोनों पक्षों की रणनीतियां अब बदल चुकी हैं और भविष्य में किसी भी पल तनाव बढ़ सकता है।



