उन्होंने सुरंग के मुहाने के पास बनाए गए बाबा बौख नाग के अस्थायी मंदिर में पूजा-अर्चना की और अपना शीश झुकाया।
दीक्स ने मजदूरों को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी और उनकी इस यात्रा को स्थानीय लोगों ने काफी महत्व दिया है। उन्हें विश्वास है कि बाबा बौख नाग की कृपा से ही यह मुश्किल काम संभव हो पाया था। दीक्स का मानना है कि आस्था और विज्ञान दोनों ही जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
बाबा बौख नाग को स्थानीय लोग देवता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि उन्होंने इस क्षेत्र की रक्षा की है। सिल्क्यारा सुरंग हादसे के बाद बाबा बौख नाग मंदिर और भी अधिक प्रसिद्ध हो गया है।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि कैसे आस्था और विज्ञान एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। यह भी दिखाती है कि स्थानीय लोगों की आस्था कितनी मजबूत होती है और वे अपने देवताओं में कितना विश्वास रखते हैं।


