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हनुमान की सबसे ऊंची प्रतिमा के नीचे अपमान, स्वामीनाराण संप्रदाय के संत के सामने दिखाया ‘दास’, जानें पूरा मामला

गुजरात के बोटाद में हनुमानजी की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा King Of Salangpur (किंग ऑफ सालंगपुरा) के निर्माण के चार महीने बाद विवाद खड़ा हो गया है। 54 फीट प्रतिमा के नीचे हनुमान जी को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी के आगे झुकते हुए दिखाया गया है। इस साल अप्रैल महीने में इस विशालकाय हनुमान की प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। इसके बाद से बोटाद के श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर सुर्खियों में है। यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मूर्ति के अनावरण के चार महीने बाद हनुमान का अपमान करने आरोप सामने आया है। हिंदू संतों ने मांग की है कि हनुमान का अपमान करने वाले चित्रों को तुरंत हटाया जाए। पवनपुत्र हनुमान का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर (Shree Kashtabhanjandev Hanumanji Mandir) का प्रबंधन स्वामी नारायण संप्रदाय के हाथों में है। हिंदू संतों का आरोप है कि यह पहला मौका नहीं है जब हिंदुओं के आराध्य देवों का संपद्राय द्वारा अपमान किया गया है।

पेंटिंग तुरंत हटाने की मांग
बरवाला लक्ष्मणजी मंदिर के महंत महामंडलेश्वर जगदेवदास बापू सालंगपुर श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर परिसर में स्थापित विशालय मूर्त के नीचे पेंटिंग बजरंगबली के अपमान पर अफसोसजनक बताया है। जगदेवदास बापू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि हनुमानजी का अपमान उचित नहीं है और यह घटना निंदनीय है। बापू ने इस तरह की मूर्तियां हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि हनुमानजी भगवान राम के अनुयायी हैं।उन्हें स्वामी नारायण संप्रदाय (swaminarayan sampraday) के स्वामी के आगे झुकते हुए दिखाया गया है। यह किसी भी तरीके से उचित नहीं है। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के हितों के खिलाफ है। बापू ने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय को हिंदू धर्म की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए और इस तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। बापू संप्रदाय की तरफ से बार-बार ऐसा हो रहा है, फिर वे माफी मांग लेते हैं। बापू ने मांग की है कि विवादित पेंटिंग हटाकर उचित तस्वीर लगाई जाए।

पुलिस स्टेशन में शिकायत
लोक साहित्यकार कीर्तिदान देवा ने कहा कि अगर हनुमान की प्रतिमा के नीचे लगी पेंटिंग को नहीं हटाया गया तो 1 सितंबर से सालंगपुर धाम पहुंचकर विरोध जताया जाएगा। मूर्ति के नीचे लगी तस्वीरों में हनुमान को स्वामीनारायण संप्रदाय के सहजानंद स्वामी (Sahajanand Swami) और गोपालनंद के आगे हनुमान को दास के तौर पर दिखाया गया है। सोशल मीडिया के जरिए सामने आए इस विवाद में सनातन धर्म सेवा समिति (सिहोर) के कौशिक दहिया ने सिहाेर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत भी दी है। अखिल भारतीय नवयुग संस्था हिंदू युवा वाहिनी गुजरात इकाई के प्रमुख राजभा गढ़वी ने इस पेंटिंग को हटाने की मांग की है।

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