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नफरत के बाजार में मोहब्बत की झलक, 8 साल से हिन्दू नौजवान रख रहा रोजा
अमरजीत कुमार सिन्हा रोजा रखते हैं। रोजा और अमरजीत, सुनकर पहली नजर में यकीन नहीं होता मगर ये हकीकत है। पिछले आठ साल से अमरजीत रोजा रख रहे हैं। आमतौर पर मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। मगर, गया और बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अमरजीत एक बानगी है। उनके मुताबिक अल्लाह, ईश्वर और गॉड सब एक हैं।
समाज के लिए मिसाल बने अमरजीत
अमरजीत कुमार सिन्हा समाज के लिए उदाहरण बन गए हैं। इफ्तार के वक्त जब वो रोजा तोड़ते हैं तो पहली नजर में यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि ये अमरजीत हैं या अहमद। हिन्दुस्तान की यही तो खूबसूरती है। रमजान के मौके पर विधि-विधान के साथ अमरजीत सिन्हा रोजा रखते हैं। रमजान के नियम के साथ इफ्तार और सेहरी करते है। बंगला स्थान के रहने वाले अमरजीत सिर्फ रोजा ही नहीं रखते बल्कि हिन्दू त्योहार भी उतने ही जतन से मनाते हैं।




