उपज का आकलन अब उपग्रहों से: केंद्र सरकार का नया कदम.
केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया है कि केंद्र सरकार ने फसल नुकसान का आकलन करने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ अब उपग्रहों से मिलने वाले आंकड़ों का भी इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
यह कदम फसल नुकसान का अधिक सटीक और तेजी से आकलन करने में मदद करेगा।
पहले फसल नुकसान का आकलन केवल खेतों में जाकर फसल काटकर किया जाता था, जिसे क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स (सीसीई) कहा जाता था। अब सरकार इस पारंपरिक तरीके के साथ उपग्रहों से मिलने वाले आंकड़ों का भी इस्तेमाल करेगी। उपग्रहों से मिलने वाले आंकड़ों से फसलों की स्थिति, बीमारियों, और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान का बेहतर आकलन किया जा सकेगा।
इस नए तरीके से किसानों को फसल बीमा का दावा जल्दी मिल सकेगा और उन्हें आर्थिक नुकसान से उबरने में मदद मिलेगी। साथ ही, सरकार को भी फसल उत्पादन के बारे में अधिक सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे नीति निर्माण में मदद मिलेगी।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर किसानों के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि अब उन्हें फसल नुकसान के लिए मुआवजा पाने में कम समय लगेगा। यह देश के कृषि क्षेत्र में तकनीक के उपयोग का एक उदाहरण है।


