सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: पेड़ों को अनावश्यक रूप से न काटें.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों को आदेश दिया है कि वे पेड़ों को अनावश्यक रूप से न काटें।
कोर्ट ने कहा कि पेड़ों की रक्षा करना सभी का संवैधानिक कर्तव्य है।
यह फैसला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की उस याचिका पर आया है जिसमें उसने आगरा और ग्वालियर के बीच एक राजमार्ग बनाने के लिए 850 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस परियोजना के लिए केवल 650 पेड़ों को काटने की जरूरत है।
कोर्ट ने कहा कि एनएचएआई को पहले पेड़ लगाने चाहिए और फिर पेड़ों को काटने की अनुमति मांगनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि पेड़ों को काटने के बदले में एनएचएआई को 9000 पेड़ लगाने चाहिए।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है? यह फैसला पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिखाता है कि कोर्ट पर्यावरण के मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है। यह फैसला यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में पेड़ों की अनावश्यक कटाई रोकी जाए।



