बैठक के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में लगभग हाथापाई तक पहुंच गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
यह विवाद जिला पंचायत की परियोजनाओं में कथित 41.5 प्रतिशत कमीशन के मुद्दे पर शुरू हुआ। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी को बीच में ही बैठक छोड़नी पड़ी।
विरोध करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा के जिला पंचायत सदस्य और पूर्व एमएलसी प्रत्याशी प्रमोद चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पार्टी के जिला पंचायत नेतृत्व की खुलकर आलोचना की।
उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ सरकार के विकास कार्यों के बावजूद, दो साल पहले 50 लाख रुपये की लागत से पुनर्निर्मित जिला पंचायत भवन को अनावश्यक रूप से ध्वस्त कर दिया गया ताकि एक नए एक करोड़ रुपये की परियोजना का रास्ता साफ किया जा सके।


