इस पुल के निर्माण से जुड़े विकास कार्यो के कारण स्थानीय लोगों, खासकर चिनाब नदी के किनारे बसे बक्कल और कौरी गांवों के लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुल निर्माण के दौरान इन गांवों की जमीनें ली गईं और बदले में स्थानीय लोगों को बहुत कम मुआवजा मिला। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर हुए निर्माण कार्यों के कारण इन गांवों का पारंपरिक जीवन और आजीविका पूरी तरह से प्रभावित हुई है। खेती और पशुपालन जैसे पारंपरिक व्यवसाय अब पहले जैसे नहीं रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस विकास परियोजना से कोई लाभ नहीं मिला है, बल्कि वे इससे विस्थापित हो गए हैं और उनकी आजीविका छिन गई है। वे सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर बड़े विकास परियोजनाओं के नकारात्मक प्रभावों को उजागर करती है। यह दिखाती है कि कैसे विकास के नाम पर स्थानीय लोगों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है और उन्हें विस्थापित होना पड़ता है। यह खबर यह भी दर्शाती है कि विकास के मॉडल को बदलने की जरूरत है, ताकि स्थानीय लोगों को भी विकास का लाभ मिल सके।


