सोमवार को पंजाब विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भी बीजेपी के संपर्क में हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब अरविंद केजरीवाल भगवंत मान को हटाने का फैसला लेंगे, तो वह बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।
बाजवा ने कहा कि उनके 45 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कभी गलत दावा नहीं किया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार गिराने की मंशा नहीं रखती है।
बाजवा के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने जोरदार पलटवार किया।
AAP के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि बाजवा खुद बीजेपी में जाने की तैयारी कर चुके हैं।
अरोड़ा ने कहा कि बाजवा ने बीजेपी में शामिल होने की “अग्रिम बुकिंग” करा ली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बाजवा कुछ दिन पहले बेंगलुरु में थे, जहां उनकी मुलाकात बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से हुई।
अरोड़ा ने कहा कि राहुल गांधी को बाजवा से पूछना चाहिए कि वह बीजेपी नेताओं से क्या बात कर रहे थे।
बाजवा ने कहा कि AAP के कई मंत्री और विधायक नए ठिकाने की तलाश में हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सोच-समझकर फैसला करेगी कि किसे पार्टी में लाना है और किसे नहीं।
इस बीच, पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हुआ, लेकिन भगवंत मान पहले दिन गैरमौजूद रहे।
बाजवा ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया और कहा कि सरकार अस्थिर हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को लगने लगा है कि यह उनका आखिरी कार्यकाल हो सकता है।
वहीं, अरोड़ा ने बाजवा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह जनता के जनादेश के साथ धोखा कर रहे हैं।
AAP नेता ने आरोप लगाया कि बाजवा केवल अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस विवाद के बाद चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस और AAP के बीच यह सियासी खींचतान क्या मोड़ लेती है।



