समझौते की मुख्य बातें
- यह समझौता 1 मार्च को सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क में किया गया।
- इसमें मध्यप्रदेश राज्य चुनाव आयोग के सचिव अभिषेक सिंह और जम्मू-कश्मीर राज्य चुनाव आयोग के सचिव सुशील कुमार ने हस्ताक्षर किए।
- 31वीं राष्ट्रीय राज्य चुनाव आयुक्तों की बैठक के दौरान यह समझौता हुआ।
- मध्यप्रदेश चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में शहरी निकाय चुनावों को सफल बनाने में मदद करेगा।
- चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 7000 ईवीएम और अन्य जरूरी उपकरण दिए जाएंगे।
- मतदान कर्मचारियों को चुनाव संचालन से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
तकनीकी और नवाचार पर जोर
- मध्यप्रदेश में लागू चुनावी नवाचारों को जम्मू-कश्मीर में भी अपनाने की योजना है।
- चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए ‘पेपरलेस बूथ’ का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
- दोनों राज्यों के बीच यह सहयोग चुनावी प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा।
बैठक और समझौते के अन्य पहलू
- बैठक में देशभर के राज्य चुनाव आयुक्त शामिल हुए।
- चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई।
- जम्मू-कश्मीर में कई वर्षों से रुके हुए शहरी निकाय चुनावों को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- चुनावों में ईवीएम के प्रभावी उपयोग और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- इस समझौते के तहत चुनावी प्रबंधन को अधिक कुशल बनाने की योजना तैयार की गई।
नवाचार और भविष्य की योजनाएं
- मध्यप्रदेश में पहले से लागू तकनीकों को जम्मू-कश्मीर में भी अपनाया जाएगा।
- यह समझौता राज्य चुनाव आयोगों के बीच बेहतर समन्वय का उदाहरण बनेगा।
- डिजिटल तकनीक के जरिये चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।
- पेपरलेस बूथ के साथ-साथ डिजिटल मतदाता सूची और आधुनिक मतदान केंद्रों की योजना पर काम होगा।
- इस पहल से जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से अटके शहरी निकाय चुनावों के आयोजन में तेजी आएगी।
- दोनों राज्यों के बीच चुनावी सहयोग आगे भी जारी रहेगा।



