बाहा पूजा आदिवासी समुदाय का एक प्रमुख पारंपरिक त्योहार है, जिसमें प्रकृति की पूजा की जाती है। मुख्यमंत्री के आगमन से आदिवासी समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखा गया। समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और आदिवासी समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूजा स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले पूजा-अर्चना की और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा में भाग लिया। उन्होंने हाथ में पूजा की सामग्रियां लेकर साल के पेड़ की पूजा की और जल अर्पित किया। इस दौरान पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए गए, जिसमें मुख्यमंत्री ने भी आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ शामिल होकर नृत्य किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “बाहा पूजा हमारी परंपरा और संस्कृति की पहचान है। यह त्योहार प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है। हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजकर आगे बढ़ाना है। राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के विकास और उनकी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के आदिवासी समुदाय के विकास के लिए कई घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी युवाओं के लिए विशेष रोजगार योजनाएं शुरू करेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। साथ ही, आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए नए प्रोजेक्ट लाने की भी बात कही।
समारोह में मुख्यमंत्री के साथ कई मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। आदिवासी समुदाय के बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री को पारंपरिक तरीके से साल का पत्ता और फूल देकर सम्मानित किया।
बाहा पूजा के इस रंगारंग आयोजन में आदिवासी कलाकारों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जिससे पूरा माहौल सांस्कृतिक रंगों से भर गया। मुख्यमंत्री ने आदिवासी कलाकारों की प्रतिभा की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाहा पूजा में शामिल होने से आदिवासी समुदाय में खुशी और गर्व का माहौल है। स्थानीय लोगों ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए सरकार से सहयोग की उम्मीद जताई।



