छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम था।
उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।
नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा को खोखला और अमानवीय बताया।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नक्सली नेताओं द्वारा आदिवासियों का शोषण किया जा रहा था।
सरकार की ‘निया नेल्लानार’ योजना से प्रभावित होकर उन्होंने सरेंडर किया।
इस योजना के तहत प्रशासन दूरदराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाएं दे रहा है।
सरेंडर करने वालों में 6 पर 8-8 लाख, 3 पर 5-5 लाख और 5 पर 1-1 लाख का इनाम था।
डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा की अहम भूमिका रही।
सरकार की नीति के तहत सरेंडर करने वालों को पुनर्वासित किया जाएगा।
यह आत्मसमर्पण पीएम मोदी की छत्तीसगढ़ यात्रा से ठीक पहले हुआ।
प्रधानमंत्री राज्य में 33,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
शनिवार को बीजापुर और सुकमा में 18 नक्सली मारे गए थे।
मारे गए नक्सलियों में 11 महिलाएं भी शामिल थीं।
बस्तर में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
इनमें से 118 नक्सली बस्तर क्षेत्र में मारे गए हैं।
2024 में बस्तर के सात जिलों में 792 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
सरकार और सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
नक्सलियों का आत्मसमर्पण सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाता है।



