नई दिल्ली: अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली (AUD) ने स्कूल ऑफ ग्लोबल अफेयर्स के एसोसिएट प्रोफेसर कौस्तव बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आरोप है कि उन्होंने छात्रों को उकसाकर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को खराब किया।
क्या है मामला?
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28 मार्च को रजिस्ट्रार कार्यालय से नोटिस जारी किया गया।
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नोटिस में कहा गया कि बनर्जी ने अनुशासनहीनता और अशांति को बढ़ावा दिया।
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AISA द्वारा आयोजित प्रदर्शन में उन्होंने कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया।
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यह प्रदर्शन छात्रा मंताशा इरफान के निलंबन के खिलाफ था।
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इरफान पर कुलपति अनु सिंह लाठर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है।
प्रदर्शन और प्रशासन की प्रतिक्रिया
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प्रदर्शन मंगलवार को शुरू हुआ और अब भी जारी है।
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प्रदर्शनकारियों ने कैंपस में मार्च निकालकर रास्ते जाम कर दिए।
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यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस की मदद लेने की बात कही।
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नोटिस में सेंट्रल सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स 1964 और विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 का हवाला दिया गया।
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बनर्जी को 45 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
AISA और छात्रों की नाराजगी
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AISA ने इस नोटिस को अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला बताया।
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छात्र संगठन का आरोप है कि शिक्षक-छात्र एकजुटता को तोड़ने की कोशिश हो रही है।
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प्रदर्शन स्थल के पास फैकल्टी रूम को बंद कर दिया गया, जिससे शिक्षकों को परेशानी हुई।
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छात्रों ने कहा कि वे लिखित आश्वासन मिलने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से बातचीत की लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला।
नए नियम और विवाद
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प्रशासन ने अपने दफ्तर के पास विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
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अब ‘शांतिपूर्ण सभा’ के लिए अलग स्थान तय किया गया है।
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इस नए नियम से छात्रों में और ज्यादा आक्रोश फैल गया है।
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कुलपति के बयान को लेकर भी छात्र नाराज हैं।
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अब सभी की नजरें कौस्तव बनर्जी के जवाब और प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।


