पिछले सप्ताह, लड़की ने अपने माता-पिता के साथ अपने संघर्ष पर चर्चा की और मेडिकल कॉलेज में सीट सुरक्षित करने के बारे में अनिश्चितता व्यक्त की थी।
यह घटना तमिलनाडु में नीट की तैयारी कर रहे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाती है। यह घटना नीट परीक्षा के दबाव और छात्रों पर इसके प्रभाव को उजागर करती है।
पुलिस के अनुसार, लड़की पिछले एक साल से नीट की तैयारी कर रही थी और पहले प्रयास में असफल रही थी। वह दूसरे प्रयास को लेकर तनाव में थी और उसे मेडिकल कॉलेज में सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी।
लड़की के माता-पिता ने बताया कि वह एक मेहनती और प्रतिभाशाली छात्रा थी, लेकिन नीट के दबाव ने उसे तोड़ दिया। उन्होंने सरकार से नीट परीक्षा को रद्द करने और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अपील की है।
इस घटना ने तमिलनाडु में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जहां विपक्षी दलों ने सरकार से नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। सरकार ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने का वादा किया है।


