सरकारी निलंबन के बाद भी नहीं थमे आरोप, सुपौल में कार्यकाल के दौरान अवैध कमाई के गंभीर आरोप.
सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में पूर्व अंचलाधिकारी प्रिंस राज एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते चर्चा में हैं। उन पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कार्यकाल के दौरान भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की। उनके खिलाफ पहले से ही आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला लंबित है और इस संबंध में जांच चल रही है।
राज्य सरकार द्वारा पहले ही उन्हें निलंबित किया जा चुका है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें यह खुलासा हुआ है कि प्रिंस राज ने अपनी हैसियत से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की। उनके पास से कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज, नगद राशि और बहुमूल्य आभूषण बरामद किए गए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
सतर्कता विभाग और आर्थिक अपराध इकाई इस पूरे मामले की विस्तार से जांच कर रही है। वहीं, आम जनता के बीच इस भ्रष्टाचार को लेकर काफी गुस्सा देखा जा रहा है। लोगों की मांग है कि यदि प्रिंस राज दोषी पाए जाते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त कर उन्हें कठोर सजा दी जाए।
राजनीतिक हलकों में भी यह मामला तेजी से गरमा रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं कि आखिरकार ऐसे अधिकारियों पर पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। साथ ही, यह मांग भी उठ रही है कि भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को तेज कर दोषियों को जल्द सजा दिलाई जाए।
फिलहाल प्रिंस राज जांच एजेंसियों के रडार पर हैं, और यदि जांच में उनके खिलाफ लगे आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें कानून के तहत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।


