महाराष्ट्र के नासिक जिले के बोरिची बारी गांव में भीषण गर्मी के बीच महिलाएं अपनी दैनिक जरूरतों के लिए पानी लाने के लिए जान जोखिम में डालकर पथरीली दीवारों से नीचे उतरकर कुओं के चारों ओर जमा हो रही हैं।
गांव में गंभीर जल संकट गहरा गया है, क्योंकि तीन कुएं सूख रहे हैं और केवल एक में पानी का मामूली निशान बचा है।
ग्रामीण रस्सियों के सहारे कुओं में उतरने को मजबूर हैं, जो एक खतरनाक काम है और उनकी जान जोखिम में डालता है। गांव के उपसरपंच सोमनाथ निकुले ने बताया कि उनके पास तीन कुएं हैं, लेकिन वे पूरी तरह से वर्षा जल पर निर्भर हैं और पानी की आपूर्ति जनवरी या फरवरी तक ही चल पाती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को पानी लाने के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है, और जो लोग यात्रा करने में असमर्थ हैं, वे 200 लीटर के एक बैरल के लिए 60 रुपये खर्च करते हैं।
निकुले ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत काम शुरू हो गया था, लेकिन बीच में ही रोक दिया गया। जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण परिवारों को व्यक्तिगत नल कनेक्शन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराना है। गांव में जल संकट ने ग्रामीणों के निजी जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।



