श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन में मंगलवार को जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। हथियारबंद आतंकियों ने इस पर्यटन स्थल पर सैलानियों को धर्म के आधार पर चुनकर गोलियों से छलनी कर दिया। हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हैं। यह हमला श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकी स्थानीय भाषा में बात कर रहे थे और उन्होंने पहले सैलानियों से धर्म पूछा, फिर कुछ को छोड़ दिया और बाकी पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। हमले के बाद पूरे क्षेत्र में चीख-पुकार मच गई और खूबसूरत वादियां खून से लाल हो गईं।
हमले के तुरंत बाद सेना और सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आपात स्थिति में कश्मीर पहुंचे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया है। इस बीच, देशभर में गुस्से की लहर फैल गई है और लोग सोशल मीडिया पर इस नृशंस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन शुरुआती जांच में लश्कर-ए-तैयबा के धड़े का नाम सामने आ रहा है। सुरक्षाबलों ने दावा किया है कि हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
यह घटना न केवल कश्मीर में बढ़ते आतंकी खतरे को उजागर करती है, बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी बड़ा असर डाल सकती है। सरकार ने मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज के लिए विशेष मेडिकल टीम भेजने की घोषणा की है।
देश एक बार फिर शोक और आक्रोश के बीच खड़ा है, और सवाल उठा रहा है—क्या निर्दोषों की हत्या का यह सिलसिला कभी रुकेगा?


